पाकिस्तान, पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर (PoK) में एक बार फिर अपने आतंक के एजेंडे को हवा देने की फिराक में है। जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क को खास तौर पर ‘मुनीर’ नाम के एक हैंडलर के निर्देशों पर फिर से संगठित किया जा रहा है। सूत्रों के हवाले से ऐसी ख़बरें हैं कि यह संगठन जम्मू-कश्मीर में पुलवामा जैसे बड़े आतंकवादी हमलों की तर्ज पर नए हमले करने की योजना बना रहा है।
खुफिया एजेंसियों को हाल ही में पता चला है कि PoK में निष्क्रिय पड़े आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को फिर से खोला जा रहा है और आतंकवादियों को सक्रिय रूप से जुटाया जा रहा है। पिछले महीने, मुजफ्फराबाद और भीमबर जैसे शहरों में पाकिस्तानी सेना और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के उच्चाधिकारियों ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और तहरीक-उल-मुजाहिदीन के नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठकें कीं। इन मुलाकातों का उद्देश्य आतंकी प्रशिक्षण को फिर से शुरू करना और सीमा पार घुसपैठ के रास्तों को खोलना था।
एक नई और बेहद चिंताजनक बात महिलाओं की भर्ती का सामने आना है। कराची में रविवार, 9 नवंबर को होने वाली एक भर्ती सभा के लिए जारी किए गए उर्दू निमंत्रण पत्र से यह खुलासा हुआ है। इस निमंत्रण में ‘सभी इस्लाम की बेटियों’ को आमंत्रित किया गया है और इसे जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर के नाम से जोड़ा जा रहा है।
अहम बात यह है कि मसूद अजहर की बहन, सईद अजहर, को इस अभियान का नेतृत्व सौंपा गया है। वह महिलाओं को आतंकवादी गतिविधियों के लिए तैयार करने और उन्हें कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ने का काम कर रही हैं। उनका लक्ष्य एक ‘महिला आत्मघाती दस्ते’ का गठन करना है, जिसमें कमजोर महिलाओं को लक्षित कर उन्हें आत्मघाती हमलों के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
साथ ही, ‘मुनीर’ के नेतृत्व में PoK में पहले से बंद पड़े आतंकी कैंपों को फिर से चालू कर दिया गया है। पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) की तैनाती भी सीमा पर बढ़ाई गई है, जो भारत में घुसपैठ कराने में सक्रिय भूमिका निभा सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ये सभी घटनाक्रम पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का स्पष्ट प्रमाण हैं। कड़े प्रतिरोध के बावजूद, पाकिस्तान आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के बजाय उसे पोषित करने की नीति पर कायम है।
भारत सरकार इस पर पैनी नजर रखे हुए है। चिंता इस बात की है कि इन आतंकी कैंपों का पुनरुद्धार और नई भर्तियों का अभियान आने वाले समय में जम्मू और कश्मीर की शांति को भंग करने की एक सुनियोजित कोशिश हो सकती है।
