राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में गुरुवार सुबह वायु गुणवत्ता अत्यंत गंभीर स्तर पर पहुँच गई। दिल्ली का AQI सुबह करीब 5:30 बजे 601 के खतरनाक स्तर को पार कर गया, जो वायु प्रदूषण के ‘गंभीर’ (Hazardous) श्रेणी से भी बहुत ऊपर है। यह स्थिति सभी नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए जानलेवा है।
यह गिरावट क्षेत्र में हर साल होने वाले स्मॉग संकट की शुरुआत का संकेत देती है, जो ठंडे मौसम, धीमी हवाओं और क्षेत्रीय प्रदूषण स्रोतों के संयुक्त प्रभाव से उत्पन्न होता है।
**NCR के प्रमुख शहर भी ‘गंभीर’ स्थिति में**
दिल्ली के साथ-साथ, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण शहर जैसे नोएडा और गुरुग्राम भी गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में आ गए हैं। इन शहरों में भी सुबह के समय AQI खतरनाक स्तर पर दर्ज किया गया, जिससे पूरे NCR में वायु आपातकाल की स्थिति बन गई है।
सुबह 7 बजे तक, दिल्ली में AQI 601 दर्ज किया गया। वहीं, गुरुग्राम का AQI 515 रहा, जबकि नोएडा का AQI 503 दर्ज किया गया। यह दर्शाता है कि पूरे NCR की हवा अत्यंत विषाक्त हो चुकी है।
दिल्ली के कई हिस्सों, जैसे बुराड़ी, आनंद विहार, एरोसिटी और बवाना में वायु गुणवत्ता ‘खतरनाक’ श्रेणी में है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रदूषण स्तर पर सांस लेना प्रतिदिन 8 से अधिक सिगरेट पीने के बराबर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है।
**प्रदूषण के मौसमी कारण और बचाव के उपाय**
हर साल नवंबर-दिसंबर में प्रदूषण बढ़ने के पीछे कई मौसमी और भौगोलिक कारण हैं:
* **पराली का धुआं:** पड़ोसी राज्यों, विशेषकर पंजाब और हरियाणा में खेतों में जलाई जाने वाली पराली से निकलने वाला धुआं दिल्ली-NCR में प्रदूषण को बढ़ाता है।
* **मौसम का प्रभाव:** सर्द मौसम में तापमान कम होने और हवा की गति धीमी रहने से प्रदूषक तत्व जमीन के करीब जमा हो जाते हैं, जिससे धुंध (स्मॉग) की मोटी परत बन जाती है।
ऐसी गंभीर स्थिति में, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जनता के लिए निम्नलिखित सुरक्षा उपाय सुझाए हैं:
* **बाहरी गतिविधियों को सीमित करें:** अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें और खुली हवा में कम समय बिताएं।
* **सुरक्षात्मक मास्क पहनें:** बाहर जाते समय हमेशा N95 या N99 जैसे उच्च-गुणवत्ता वाले मास्क का प्रयोग करें।
* **कमजोर वर्गों का विशेष ध्यान:** बच्चों, बुजुर्गों और दमा, हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को घर के अंदर ही रहना चाहिए। वायु गुणवत्ता में अचानक गिरावट उनके लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है।
