नई दिल्ली: बांग्लादेश के अंतरिम मुख्य सलाहकार, प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस, द्वारा तुर्की के एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल को ‘आर्ट ऑफ ट्रायम्फ’ नामक एक कलाकृति दिखाना भू-राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। इस कलाकृति में एक ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ का नक्शा दिखाया गया है, जिसमें भारत के पूर्वोत्तर राज्य, विशेष रूप से असम, को शामिल करने का संकेत है। यह घटनाक्रम पाकिस्तान के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के साथ हालिया मुलाकात के बाद सामने आया है, जहाँ यूनुस ने यही नक्शा प्रस्तुत किया था।
खुफिया तंत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस कलाकृति का उद्देश्य केवल एक कलात्मक प्रस्तुति नहीं था, बल्कि इसमें ‘रणनीतिक युद्ध योजनाएं’ और ‘जीत के बाद प्रबंधन की रणनीतियाँ’ शामिल थीं। इन योजनाओं का लक्ष्य असम को ढाका के प्रभाव क्षेत्र के अंतर्गत एक ‘उत्पादक और व्यवहार्य क्षेत्र’ के रूप में स्थापित करना था।
प्रोफेसर यूनुस ने मलेशियाई उप-प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की बेटी, नुरुल इज़्ज़ाह अनवर, और संयुक्त राष्ट्र की कार्य समूह (WGEID) के सदस्यों को भी यह नक्शा दिखाया था। यह इस बात की ओर इशारा करता है कि इस ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ के विजन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रभावशाली व्यक्तियों और समूहों के समक्ष पेश किया जा रहा है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि यह प्रस्तुति सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य खास वैचारिक समूहों को संकेत भेजना है। यह कोई आकस्मिक प्रतीकात्मक कार्य नहीं था, बल्कि यह पार-राष्ट्रीय इस्लामी नेटवर्कों के लिए एक संदेश था, जो बांग्लादेश के अंतरिम नेतृत्व को एक बड़े रणनीतिक खेल का हिस्सा मान सकते हैं।
इस प्रस्तुति के समय को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह तुर्की की दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिशों के साथ मेल खाता है। अंकारा रक्षा सहयोग, ड्रोन तकनीक और वैचारिक गठजोड़ के माध्यम से अपना प्रभाव क्षेत्र बढ़ा रहा है। 2024 की शुरुआत से ही तुर्की और बांग्लादेश के बीच रक्षा, प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी निवेश को लेकर संबंध मजबूत हुए हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ का यह उल्लेख ढाका की अंतरिम सरकार द्वारा उठाया गया पहला स्पष्ट क्षेत्रीय दावा है। यह कदम क्षेत्रीय प्रतिक्रियाओं का आकलन करने और इस्लामी समूहों के बीच समर्थन जुटाने के उद्देश्य से उठाया जा सकता है। भारत की सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे मामले पर पैनी नजर बनाए हुए हैं, क्योंकि इससे सीमावर्ती क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका है।
