आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया की ऐतिहासिक जीत में सलामी बल्लेबाज शफाली वर्मा की 87 रनों की तूफानी पारी ने अहम भूमिका निभाई। इस मैच से ठीक पहले सचिन तेंदुलकर से मिली प्रेरणा को शफाली ने अपनी सफलता का राज बताया है।
21 वर्षीय शफाली वर्मा को हाल ही में नियमित ओपनर प्रतीक रावल के चोटिल होने पर टीम में जगह मिली थी। उन्होंने फाइनल मुकाबले में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए टीम को पहली बार विश्व कप का खिताब दिलाया। शफाली ने बताया कि मैच से पहले सचिन तेंदुलकर से मिलना उनके लिए एक बड़ा मोमेंट था। उन्होंने कहा, “जब मैंने सचिन जी को देखा, तो मुझे बहुत बड़ा बूस्ट मिला। वे मुझे लगातार आत्मविश्वास दे रहे थे।” क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर से प्रेरणा मिलना किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए खास होता है।
गेंदबाजी में भी शफाली वर्मा ने अपना दम दिखाया। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने उन पर भरोसा दिखाते हुए अहम ओवरों में गेंदबाजी की जिम्मेदारी दी, जिसे शफाली ने दो महत्वपूर्ण विकेट लेकर सही साबित किया। हरमनप्रीत ने स्वीकार किया कि यह एक जोखिम भरा निर्णय था, लेकिन शफाली की सकारात्मकता ने उन्हें प्रेरित किया। शफाली ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी भी बड़े मंच पर प्रदर्शन करने की अपनी क्षमता पर विश्वास नहीं खोया।
