भारत जल्द ही दुनिया के उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल होने वाला है जो पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान बनाने की क्षमता रखते हैं। देश की रक्षा महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) परियोजना को गति मिल रही है। इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए लार्सन एंड टुब्रो (L&T) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम ने डायनामिक टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (DTL) को अपना विशेष भागीदार घोषित किया है।
इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य भारत की अपनी स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके एक अत्याधुनिक, स्टील्थ-सक्षम, सुपरसोनिक लड़ाकू विमान का डिजाइन और निर्माण करना है। यह कदम भारत के रक्षा उत्पादन परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है, जहां अब निजी क्षेत्र भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
DTL, जो एयरोस्ट्रक्चर और सब-सिस्टम में तीन दशकों से अधिक का अनुभव रखती है, L&T की मजबूत इंजीनियरिंग क्षमताओं और BEL की उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों में महारत के साथ मिलकर काम करेगी। इस गठबंधन का लक्ष्य एक ऐसा युद्धक विमान तैयार करना है जो वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ विमानों का मुकाबला कर सके।
DTL के CEO और MD, उदयंत मल्होत्रा ने कहा, “हम भारत के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान को साकार करने के लिए आवश्यक क्षमताओं को एक साथ ला रहे हैं।” L&T के अरुण रामचंदानी ने इस साझेदारी को “अगली पीढ़ी के फाइटर जेट बनाने के साथ-साथ भारतीय एयरोस्पेस औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से परिभाषित करने” का एक अवसर बताया।
AMCA एक एकल-सीट, दो इंजन वाला स्टील्थ जेट होगा जिसे रडार से बचने और युद्धक्षेत्र में प्रभावी ढंग से संचालन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें उन्नत एवियोनिक्स, मजबूत कम्प्यूटेशनल क्षमताएं और आंतरिक हथियार बे होंगे, जो इसे रडार पर कम दृश्यमान बनाएंगे। विमान 55,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम होगा और लंबी दूरी के हमलों के लिए पर्याप्त हथियार और ईंधन ले जा सकेगा।
AMCA के दो चरणों में विकास की योजना है। शुरुआती मॉडल अमेरिकी GE F414 इंजनों का उपयोग करेगा, जबकि बाद के संस्करण में एक पूरी तरह से भारतीय निर्मित इंजन शामिल होगा, जो अधिक शक्ति और प्रदर्शन प्रदान करेगा। इस लड़ाकू विमान को मल्टीरोल क्षमताओं से लैस किया जाएगा, जिससे यह हवा से हवा में लड़ाई, जमीन पर सटीक हमले और दुश्मन के वायु रक्षा प्रणालियों को निष्क्रिय करने जैसे विभिन्न मिशनों को अंजाम दे सकेगा।
पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की श्रेणी में आमतौर पर स्टील्थ, सुपरमैन्युवरेबिलिटी, उन्नत सेंसर और नेटवर्क-केंद्रित युद्ध क्षमताएं शामिल होती हैं। AMCA इन सभी मानदंडों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है। इसमें AI-संचालित सहायता प्रणाली और एक एकीकृत वाहन स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली जैसी अभिनव विशेषताएं भी शामिल होंगी।
यह परियोजना भारत की बढ़ती रक्षा आत्मनिर्भरता और आयात पर निर्भरता कम करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। ₹15,000 करोड़ की अनुमानित लागत के साथ, AMCA भारत को वैश्विक एयरोस्पेस शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
