भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आईसीसी महिला विश्व कप 2025 का खिताब जीतकर इतिहास के सुनहरे पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया है। फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को पटखनी देते हुए ‘वुमन इन ब्लू’ ने करोड़ों देशवासियों को गर्वान्वित किया है। यह ऐतिहासिक जीत भारत के महिला क्रिकेट के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है, जिसने पूरे राष्ट्र को खुशी और उत्साह से भर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ‘शानदार जीत’ को टीम की असाधारण प्रतिभा, टीम भावना और अटूट संकल्प का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि यह विजय भारत की युवा महिला क्रिकेटरों के लिए एक प्रेरणास्रोत बनेगी। यह जीत न केवल एक कप जीतना है, बल्कि यह महिला क्रिकेट के विकास को गति देने वाला एक महत्वपूर्ण क्षण है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने इस उपलब्धि को ‘अरबों लोगों के दिलों को छूने वाला क्षण’ करार दिया। उन्होंने टीम की बहादुरी और खेल भावना की प्रशंसा की, जिससे देश का मनोबल ऊंचा हुआ है और लाखों युवा लड़कियों को निर्भय होकर बड़े सपने देखने की प्रेरणा मिली है।
प्रसिद्ध उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने इस जीत को अगली पीढ़ी के लिए दृढ़ संकल्प और नेतृत्व का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया।
विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, खेल जगत की हस्तियों और मशहूर हस्तियों ने भी अपनी हार्दिक बधाई दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस जीत को राष्ट्र के लिए ‘एक महत्वपूर्ण उपलब्धि’ बताया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पूरे भारत में फैली ‘खुशी की लहर’ का जिक्र किया। वहीं, नितिन गडकरी ने खिलाड़ियों के समर्पण और ‘नारी शक्ति’ के सामर्थ्य को सलाम किया।
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा कि जैसे 1983 की जीत ने लड़कों के लिए एक सपना बुना था, वैसे ही आज की जीत लाखों लड़कियों को क्रिकेट में अपना करियर बनाने और विश्व चैंपियन बनने के लिए प्रेरित करेगी। वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि टीम ने खेल के साथ-साथ हर भारतीय का दिल भी जीत लिया है।
हारने वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम की भावना को भी सराहा गया। पूर्व प्रोटियाज कप्तान एबी डीविलियर्स ने भारतीय टीम को बधाई दी और महिला क्रिकेट के बढ़ते वैश्विक स्तर पर खुशी जताई।
जीत के बाद भावुक पूर्व भारतीय कप्तान मिताली राज ने कहा कि यह वह पल था जिसका पीढ़ियों से इंतज़ार था और आखिरकार भारत ने विश्व कप जीत लिया है।
देश भर के राजनीतिक नेताओं ने भी इस जीत का जश्न मनाया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इसे ‘भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा’ बताया। हिमंत बिस्वा सरमा ने ‘हमारी छोरियां छोरों से कम नहीं हैं’ के अंदाज में बधाई दी। हेमंत सोरेन ने इसे ‘हर उस बेटी, बहन और माँ के लिए जीत’ कहा जो सपने देखने की हिम्मत रखती है।
पूरे देश में उल्लास का माहौल था। भारत की बेटियों ने न केवल विश्व कप जीता, बल्कि क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत की, जहाँ महिलाएं अपने सपनों को हकीकत में बदल रही हैं।
