अरब सागर में भू-राजनीतिक तनाव चरम पर है, क्योंकि पाकिस्तान ने उन्हीं जलक्षेत्रों में अपनी नौसैनिक अभ्यास शुरू कर दी है, जहां भारत अपना सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास ‘त्रिशूल’ आयोजित कर रहा है। दो परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों का एक ही क्षेत्र में इस तरह के सैन्य अभ्यास का आयोजन, विशेष रूप से मौजूदा तनावों के बीच, चिंता का विषय है।
पाकिस्तान की नौसेना ने शनिवार को घोषणा की कि 2 से 5 नवंबर तक उत्तरी अरब सागर में लगभग 6,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में लाइव-फायर अभ्यास किया जाएगा। यह वही क्षेत्र है जो भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए जा रहे ‘त्रिशूल’ अभ्यास के दायरे में आता है। इस अभ्यास में भारतीय युद्धपोत, पनडुब्बियां, लड़ाकू विमान और बड़ी संख्या में थल सेना के जवान शामिल हैं। पाकिस्तान ने सभी जहाजों और नावों को इस क्षेत्र से दूर रहने की सलाह दी है।
**एक ही महासागर, अलग-अलग इरादे**
भारत और पाकिस्तान के समुद्री क्षेत्र उत्तरी अरब सागर में सटे हुए हैं। हालांकि, दोनों देशों द्वारा एक ही समय पर और एक-दूसरे के निकटवर्ती क्षेत्रों में अभ्यासों का आयोजन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह युद्धाभ्यास भारत के दो सप्ताह के बड़े पैमाने के अभ्यास के कुछ दिनों बाद हो रहा है, जो राजस्थान, गुजरात और अरब सागर तक फैला हुआ है। यह भारत की ओर से मई में पाकिस्तान के साथ हुई सैन्य झड़प के बाद एक महत्वपूर्ण सैन्य प्रदर्शन है।
पाकिस्तानी नौसेना इस क्षेत्र में सतह और उप-सतह से फायरिंग का अभ्यास करेगी, जो सीधे तौर पर भारतीय सैन्य अभियानों के ओवरलैप क्षेत्र में आता है। यह स्थिति कई विश्लेषकों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है, जो इसे दोनों देशों के बीच संभावित टकराव का संकेत मानते हैं।
**सर क्रीक का विवाद और बढ़ा तनाव**
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में सर क्रीक क्षेत्र को लेकर पाकिस्तान को चेतावनी दी थी। सर क्रीक, गुजरात और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बीच 96 किलोमीटर लंबा एक विवादित क्षेत्र है, और यह वर्तमान अभ्यासों के ओवरलैपिंग ज़ोन के करीब स्थित है। पाकिस्तान ने हाल ही में इस क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाई है, जिसके जवाब में भारत ने भी कड़ी प्रतिक्रिया की चेतावनी दी है। दोनों देशों के बीच सर क्रीक पर पिछले 13 वर्षों से कोई गंभीर बातचीत नहीं हुई है, जिससे यह क्षेत्र और भी संवेदनशील हो गया है।
