आरएसएस प्रमुख श्री दत्तात्रेय होसबाले ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर उन्हें एक ऐसे महानायक के रूप में स्मरण किया जिन्होंने समाज में सांस्कृतिक पुनरुद्धार की अलख जगाई। उनके अनुसार, बिरसा मुंडा सिर्फ एक स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, बल्कि उन्होंने अपने सामाजिक और आध्यात्मिक विचारों से लोगों के मन में अपनी पहचान और संस्कृति के प्रति गौरव का भाव पैदा किया।
भगवान बिरसा मुंडा ने अपने नेतृत्व क्षमता और असाधारण दूरदर्शिता से आदिवासी समुदाय को एकजुट किया। उन्होंने तत्कालीन सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों का सामना करते हुए अपने लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उनका ‘उलगुलान’ (विद्रोह) सिर्फ एक आंदोलन नहीं था, बल्कि यह एक सांस्कृतिक क्रांति थी जिसने समाज की दिशा को बदला और भविष्य के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
श्री होसबाले ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा ने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समानता पर विशेष ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने अपनी संस्कृति की रक्षा के साथ-साथ बाहरी प्रभाव से मुक्ति का मार्ग भी दिखाया। उनका कार्य आज भी समाज को अपनी जड़ों से जुड़े रहने और अपनी सांस्कृतिक विरासत को संजोने की प्रेरणा देता है।
