अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस द्वारा पोसाइडन परमाणु टॉरपीडो के सफल परीक्षण के बाद अमेरिका में परमाणु हथियारों के परीक्षण पर लगी रोक को तत्काल हटाने का आदेश दिया है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह पिछले 30 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही स्थिरता को चुनौती देता है।
हाल ही में रूस ने अपनी नई पीढ़ी के दो बेहद खतरनाक हथियार – पोसाइडन परमाणु-संचालित टॉरपीडो और ब्यूरेवेसनिक क्रूज मिसाइल – का परीक्षण किया है। ये हथियार अमेरिकी रक्षा क्षमताओं के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करते हैं, क्योंकि इन्हें पानी के नीचे लंबी दूरी तक छिपकर हमला करने और किसी भी मिसाइल रक्षा प्रणाली को भेदने की क्षमता के लिए जाना जाता है।
पोसाइडन का अमेरिकी रक्षा पर प्रभाव
राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि रूस के इन उन्नत हथियारों का परीक्षण अमेरिका की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि रूस के पास ऐसे हथियार हैं जिनके खिलाफ अमेरिका की वर्तमान रक्षा प्रणाली अप्रभावी साबित हो सकती है। ऐसे में, अमेरिका ने भी जवाबी कार्रवाई के तौर पर परमाणु परीक्षणों को फिर से शुरू करने का फैसला किया है।
हथियारों की होड़ का नया समीकरण
ट्रंप के अनुसार, वर्तमान में परमाणु शक्ति के मामले में अमेरिका सबसे आगे है, उसके बाद रूस का स्थान है। हालांकि, उन्होंने चिंता जताई है कि चीन अगले पांच वर्षों में रूस के बराबर पहुंच जाएगा। अगर रूस के नए सुपर-हथियारों को इस समीकरण में जोड़ा जाए, तो अमेरिका की परमाणु श्रेष्ठता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लग सकता है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि परमाणु परीक्षणों को फिर से शुरू करने का निर्णय “अन्य देशों के परमाणु परीक्षण कार्यक्रमों” की प्रतिक्रिया है। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर रूस का नाम नहीं लिया, लेकिन यह साफ था कि उनका इशारा रूस द्वारा किए गए पोसाइडन और ब्यूरेवेसनिक मिसाइल परीक्षणों की ओर था। ये परीक्षण केवल तकनीकी प्रदर्शन नहीं थे, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन के लिए एक सीधा संदेश थे।
अमेरिका की जवाबी तैयारी
ट्रंप ने अमेरिकी रक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वह दुनिया के अन्य देशों के साथ “समान स्तर” पर परमाणु परीक्षण शुरू करे। यह एक समान, संतुलित और निर्णायक प्रतिक्रिया होगी, जो रूस द्वारा किए गए प्रत्येक परीक्षण और विकसित किए गए प्रत्येक हथियार के अनुरूप होगी।
इस प्रक्रिया को “तत्काल” प्रभाव से शुरू किया जाएगा, जिसका अर्थ है कि अमेरिका अब अपनी परमाणु क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
पुतिन के कदम का जवाब
यह निर्णय रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा अपनी सैन्य शक्ति के प्रदर्शन के प्रति एक सीधी प्रतिक्रिया है। पुतिन ने ऐसे हथियार पेश किए हैं जो अमेरिकी रक्षा प्रणालियों को निष्प्रभावी बना सकते हैं। ट्रंप का जवाब यह है कि अमेरिका भी परीक्षणों के माध्यम से अपनी क्षमता को बढ़ाएगा।
इससे यह स्पष्ट होता है कि शीत युद्ध की समाप्ति के बाद मानी जाने वाली परमाणु हथियारों की दौड़ एक बार फिर शुरू हो गई है। पुतिन ने पोसाइडन के साथ इसे पुनर्जीवित किया, और अब ट्रंप ने इसे आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है, जिससे वैश्विक शांति और सुरक्षा पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं।
