बिहार विधानसभा चुनावों के पहले चरण में चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवारों के हलफनामों के विश्लेषण से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। 1314 में से 354 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें 33 पर हत्या के आरोप शामिल हैं। दो उम्मीदवार बलात्कार के आरोपों का भी सामना कर रहे हैं, यह जानकारी बिहार इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट से सामने आई है।
पार्टियों के बीच आपराधिक मामलों की दर चिंताजनक है। आश्चर्यजनक रूप से, CPI (M) के सभी उम्मीदवार गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं। CPI के 80% और CPI (ML) के 64% उम्मीदवार भी आपराधिक मामलों में फंसे हैं। बड़ी पार्टियों में, RJD के 60% और BJP के 56% उम्मीदवार गंभीर अपराधों से जुड़े पाए गए हैं। कांग्रेस के 52%, JD(U) के 26% और AAP के 20% उम्मीदवार भी इसी श्रेणी में आते हैं।
कुल मिलाकर, 423 उम्मीदवार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। इनमें से 354 पर गंभीर आरोप हैं। 33 उम्मीदवारों पर हत्या, 86 पर हत्या के प्रयास और 42 पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं। यह दिखाता है कि चुनावी राजनीति में अपराधियों की बढ़ती पैठ एक गंभीर चिंता का विषय है।
संपत्ति के विवरण पर नज़र डालें तो, कई उम्मीदवार करोड़पति हैं। लगभग 40% उम्मीदवारों की संपत्ति 1 करोड़ से अधिक है, और उनकी औसत संपत्ति 3.26 करोड़ रुपये से अधिक है। वहीं, महिला उम्मीदवारों की भागीदारी केवल 9% है।
