अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के साथ शांति वार्ता टूटने के बाद पाकिस्तान ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि काबुल नई दिल्ली के इशारे पर काम कर रहा है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि भारत अफगानिस्तान के माध्यम से क्षेत्र में ‘प्रॉक्सी वॉर’ चला रहा है और तालिबान को अपने ‘कठपुतले’ की तरह इस्तेमाल कर रहा है।
ख्वाजा आसिफ ने एक साक्षात्कार में कहा, “यह स्पष्ट है कि भारत ने अफगान सरकार में अपनी पकड़ बना ली है। नई दिल्ली अफगानिस्तान को एक मोहरे के तौर पर इस्तेमाल करके प्रॉक्सी युद्ध छेड़ रही है।”
उन्होंने इस्तांबुल में हुई चार दिवसीय शांति वार्ता की विफलता के लिए सीधे तौर पर अफगान पक्ष को जिम्मेदार ठहराया। आसिफ ने बताया कि बार-बार बातचीत को पटरी से उतारा गया, और हर बार जब कोई समझौता होने वाला होता था, तो काबुल से हस्तक्षेप होता था, जिससे प्रयास विफल हो जाते थे।
इस्तांबुल में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुई शांति वार्ता बिना किसी ठोस नतीजे के समाप्त हो गई है। पाकिस्तान ने तालिबान सरकार पर उन उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है जो सीमा पार घातक हमलों में शामिल हैं। गौरतलब है कि यह वार्ता दोहा में हुई पिछले दौर की वार्ता के बाद हुई थी, जिसमें 19 अक्टूबर को एक अस्थायी युद्धविराम पर सहमति बनी थी। इससे पहले, सीमा पर भीषण झड़पों में सैनिकों, आम नागरिकों और आतंकवादियों सहित कई लोगों की जान चली गई थी।
पाकिस्तान लंबे समय से यह आरोप लगाता रहा है कि तालिबान अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल पाकिस्तानी सीमा के भीतर उग्रवादी हमलों को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को पनाह देने के लिए कर रहा है। वहीं, काबुल इन आरोपों का खंडन करता रहा है।
पाकिस्तान के मंत्री तारिक फातमी ने स्पष्ट किया कि इस्लामाबाद ने कतर और तुर्की जैसे मित्र देशों के आग्रह पर शांति वार्ता में हिस्सा लिया था। उन्होंने कहा कि दोहा और इस्तांबुल में हुई बातचीत का उद्देश्य तालिबान को शांति स्थापित करने का एक और मौका देना था।
इससे पहले, दोनों देशों के सरकारी मीडिया ने वार्ता में गतिरोध की खबर दी थी और दोनों पक्ष एक-दूसरे पर समझौते में बाधा डालने का आरोप लगा रहे थे।
रक्षा मंत्री आसिफ ने यह भी चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान पर कोई हमला होता है, तो उसका 50 गुना जोरदार जवाब दिया जाएगा।
