दक्षिण पूर्व एशिया में शांति और स्थिरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, थाईलैंड और कंबोडिया के नेताओं ने कुआलालंपुर में एक ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह महत्वपूर्ण समझौता आसियान शिखर सम्मेलन के मौके पर संपन्न हुआ, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता की।
इस सौदे के बाद दोनों देशों के बीच चल रहा सैन्य संघर्ष समाप्त हो गया है, जिसने लंबे समय से सीमावर्ती क्षेत्रों में अशांति पैदा कर रखी थी। इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे “सभी के लिए एक जीत” करार दिया।
यह शांति समझौता एक स्थायी समाधान की ओर पहला कदम है। दशकों से सीमा पर स्थित भूमि को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद रहा है, जिसके कारण हाल ही में पांच दिवसीय तीव्र संघर्ष हुआ था। इस लड़ाई के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए और लाखों लोग विस्थापित हुए थे।
इस समझौते के तहत:
* **बंदियों की अदला-बदली:** थाईलैंड ने 18 कंबोडियाई सैनिकों को रिहा करने पर सहमति जताई है, जिन्हें पहले हिरासत में लिया गया था।
* **सैन्य कमी:** दोनों राष्ट्र सीमावर्ती इलाकों से भारी सैन्य उपकरणों को हटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे तनाव कम होगा।
**आर्थिक दबाव से बनी बात:**
राष्ट्रपति ट्रंप की एशिया यात्रा के दौरान इस शांति समझौते का होना, वैश्विक मंच पर अमेरिका के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।
ऐसा बताया जा रहा है कि शांति स्थापित करने में ट्रंप के आर्थिक रुख ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कंबोडिया और थाईलैंड पर व्यापार टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी देकर दोनों देशों को युद्ध विराम के लिए राजी किया।
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान मलेशिया के साथ एक प्रमुख खनिज समझौते पर भी हस्ताक्षर करेंगे।
