संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता की मांग वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनी हुई है। UNSC, जो अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है, वर्तमान में 15 सदस्यों से बना है: पांच स्थायी सदस्य (चीन, फ्रांस, रूस, यूके, यूएस) जिनके पास वीटो शक्ति है, और दस अस्थायी सदस्य जिनका चुनाव दो वर्ष के लिए होता है।
भारत का मानना है कि UNSC की वर्तमान संरचना 1945 की विश्व व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करती है, जो आज की 21वीं सदी की बहुध्रुवीय दुनिया की वास्तविकताओं से काफी दूर है। इस निकाय में संरचनात्मक सुधार की आवश्यकता पर भारत लगातार जोर दे रहा है, जिसमें स्थायी सीट प्राप्त करना प्रमुख है।
**स्थायी सीट के लिए भारत का दावा क्यों मजबूत है?**
विश्व की सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में, भारत का वैश्विक प्रभाव निर्विवाद है। भारत ने परमाणु शक्ति संपन्न होने और क्षेत्रीय सुरक्षा में सक्रिय भूमिका निभाने के बावजूद, शांति स्थापना कार्यों में लगातार महत्वपूर्ण योगदान दिया है। UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता से वैश्विक शक्ति संतुलन 21वीं सदी के अनुरूप होगा।
ग्लोबल साउथ के देशों के लिए, भारत अपनी आवाज को प्रभावी ढंग से उठाता है, खासकर जलवायु परिवर्तन, निष्पक्ष व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में सुधार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर। परिषद में भारत की उपस्थिति विकासशील देशों की चिंताओं को वैश्विक एजेंडे पर लाने में सहायक होगी।
**भारत के समर्थकों में शामिल प्रमुख देश**
भारत को UNSC में स्थायी सीट के लिए व्यापक अंतर्राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त है। विशेष रूप से, पांच स्थायी सदस्यों में से चार ने भारत की उम्मीदवारी के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने विभिन्न मौकों पर भारत की दावेदारी का समर्थन किया है। पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रम्प दोनों ने भारत के स्थायी सदस्य बनने की इच्छा का समर्थन किया है। 2024 में क्वाड नेताओं की बैठक के बाद, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने भी संयुक्त रूप से भारत के दावे का समर्थन किया।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 2024 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत, जर्मनी, जापान, ब्राजील और दो अफ्रीकी देशों को स्थायी सदस्यता देने की वकालत की थी।
हाल ही में भारत की यात्रा पर आए यूके के प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर ने भी संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष निकाय में भारत की स्थायी सदस्यता की पुरजोर वकालत की।
रूस पारंपरिक रूप से भारत के UNSC में स्थायी सीट के दावे का समर्थक रहा है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने वैश्विक शक्ति संतुलन में बदलाव को स्वीकार करते हुए भारत और ब्राजील को स्थायी सीटों का हकदार बताया है।
इनके अलावा, पुर्तगाल, कुवैत, अफ्रीकी संघ, भूटान, मॉरीशस, ब्राजील और जर्मनी जैसे देशों ने भी खुलकर भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है।
