इस साल के अंत में होने वाले आसियान (ASEAN) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत उपस्थिति नहीं होगी। भारत सरकार ने मलेशिया को सूचित कर दिया है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर नई दिल्ली से भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह शिखर सम्मेलन 26 अक्टूबर से मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में शुरू हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी को व्यस्तताओं के चलते इस महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय बैठक में शामिल होने का समय नहीं मिल पा रहा है। मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें फोन पर दिवाली के उत्सवों का हवाला देते हुए शिखर सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित करने की जानकारी दी है। इब्राहिम ने यह भी कहा कि भारत मलेशिया के लिए व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
प्रधानमंत्री मोदी की अनुपस्थिति का मतलब है कि इस वर्ष अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी कोई सीधी मुलाकात नहीं होगी। ट्रंप आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कुआलालंपुर का दौरा करेंगे। मोदी का आगामी कूटनीतिक ध्यान नवंबर में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन पर रहेगा, जिसमें ट्रंप शामिल नहीं हो रहे हैं। वहीं, भारत द्वारा इस साल आयोजित किए जाने वाले QUAD शिखर सम्मेलन की तारीखों को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है।
आसियान, दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का एक महत्वपूर्ण समूह है, जिसमें इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमार और कंबोडिया जैसे देश शामिल हैं। भारत का आसियान के साथ संबंध 1992 से विकसित हो रहा है और 2012 में इसे रणनीतिक साझेदारी का दर्जा प्राप्त हुआ। हाल के वर्षों में, दोनों पक्षों के बीच सहयोग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, विशेषकर व्यापार, सुरक्षा और रक्षा के मोर्चों पर। पहले की योजनाओं के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी कंबोडिया जाने वाले थे, लेकिन मलेशिया की यात्रा रद्द होने के बाद कंबोडिया का दौरा भी फिलहाल टाल दिया गया है।