अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के खिलाफ कड़े व्यापारिक कदम उठाने का संकेत दिया है। उन्होंने घोषणा की है कि 1 नवंबर से चीनी सामानों पर 155% टैरिफ लगाया जाएगा। यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब ट्रम्प चीन के साथ “मैत्रीपूर्ण” संबंध बनाए रखने की बात कर रहे हैं, लेकिन उनका मानना है कि अमेरिका के साथ सालों से चला आ रहा असमान व्यापार अब बंद होना चाहिए।
ट्रम्प ने अपनी नीतियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य अमेरिका को व्यापार में हुए नुकसान से उबारना है। चीन दशकों से अमेरिका का फायदा उठा रहा है, और अब ऐसा नहीं होगा।” उन्होंने पिछले व्यापारिक समझौतों का हवाला देते हुए कहा कि ये अमेरिकी हितों की रक्षा करने में विफल रहे थे।
यह नया टैरिफ, जिसे “द्वितीयक टैरिफ” रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है, उन देशों को लक्षित करता है जो रूस-यूक्रेन युद्ध में किसी भी तरह से सहायता कर रहे हैं। चीन, जो रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीदता है, इस नए टैरिफ के दायरे में आ सकता है। इसके अतिरिक्त, 1 नवंबर से महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर निर्यात नियंत्रण भी लागू किए जाएंगे।
ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए कहा, “चीन का रवैया अस्वीकार्य है। 1 नवंबर, 2025 से, अमेरिका चीन पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। इसके साथ ही, महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर निर्यात प्रतिबंध भी लागू होंगे।” उन्होंने चीन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भेजे गए “शत्रुतापूर्ण पत्र” की भी कड़ी निंदा की।
हालांकि, कड़े तेवर दिखाने के बावजूद, ट्रम्प आगामी द्विपक्षीय वार्ता को लेकर आशावादी दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे जल्द ही दक्षिण कोरिया में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। “हम राष्ट्रपति शी से मुलाकात करेंगे और कई अहम मुद्दों पर बात करेंगे,” ट्रम्प ने कहा।
ट्रम्प ने यह भी कहा कि चीन को 157% टैरिफ के बारे में पता है और यह उनके लिए एक बड़ा झटका है। “हम इस बातचीत में मजबूत स्थिति में हैं,” उन्होंने जोड़ा। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान में चीन 55% टैरिफ का भुगतान कर रहा है, और यदि कोई समझौता नहीं हुआ तो यह बढ़कर 155% हो जाएगा।
यह कदम अमेरिका की उस रणनीति का हिस्सा है जहाँ दबाव और बातचीत, दोनों का इस्तेमाल किया जाता है। टैरिफ को एक ऐसे उपकरण के रूप में देखा जा रहा है जो चीन को बातचीत की मेज पर लाने में मदद करेगा, खासकर जब राष्ट्रपति ट्रम्प राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने वाले हैं।