वाशिंगटन डीसी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर विश्व मंच पर अपना दावा पेश किया है कि उनके व्यापार और टैरिफ (आयात शुल्क) के कड़े रुख ने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित सैन्य संघर्ष को टालने में अहम भूमिका निभाई। हाल ही में, उन्होंने व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सीनेटरों के साथ बातचीत करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने दक्षिण एशिया में “परमाणु युद्ध के कगार” पर खड़ी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए व्यापार सौदों को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया।
ट्रम्प ने विस्तार से बताया, “मैंने आठ युद्धों का जिक्र किया, नौ युद्ध होने वाले थे। इनमें से पांच केवल व्यापार और टैरिफ से जुड़े थे। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा था। दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश थे और स्थिति गंभीर थी। सात विमानों को मार गिराया गया था। वे युद्ध के लिए तैयार थे, और मैंने उन्हें फोन करके कहा, ‘अगर आप युद्ध करते हैं, तो हम आपके साथ कोई व्यापार सौदा नहीं करेंगे।'”
राष्ट्रपति के अनुसार, दोनों देशों ने शुरुआत में इस बात पर सवाल उठाया कि व्यापार का इस तरह के भू-राजनीतिक संकट से क्या लेना-देना है। ट्रम्प ने आगे कहा, “मैंने उन्हें समझाया कि इसका बहुत महत्व है। आप परमाणु शक्तियों के रूप में यदि युद्ध चुनते हैं, तो हमारे व्यापारिक संबंध खत्म हो जाएंगे। चौबीस घंटे के भीतर, उन्होंने मुझसे संपर्क किया और कहा, ‘हमने युद्ध न करने का फैसला किया है।’ हमने यह युद्ध और संभावित परमाणु तबाही को सिर्फ व्यापार की शक्ति से रोका।”
यह घटना मई 2019 के आसपास की है, जब भारत द्वारा पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर की गई जवाबी कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था।
ट्रम्प ने टैरिफ को केवल आर्थिक नीति न मानते हुए, इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अनिवार्य अंग बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया, “टैरिफ का मतलब राष्ट्रीय सुरक्षा है। इसे हमेशा याद रखें।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि टैरिफ “हमारे राष्ट्र के लिए धन सृजन के समान है, क्योंकि हमने विभिन्न देशों से सैकड़ों अरब डॉलर प्राप्त किए हैं, जिन्होंने पहले हम पर टैरिफ लगाकर हमसे धन वसूला था, जबकि हमने कभी उन पर टैरिफ नहीं लगाया, यह हमारी भूल थी”।
राष्ट्रपति ने दावा किया कि टैरिफ ने अमेरिका को एक समृद्ध राष्ट्र बनाया है और उसे मजबूत रक्षा क्षमता प्रदान की है, जिससे वह अन्य देशों की मदद करने में सक्षम हुआ है। उनके अनुसार, यह वास्तव में राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय रक्षा को मजबूत करता है।
यह पहली बार नहीं है जब ट्रम्प ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में अपनी भूमिका का दावा किया है। हालांकि, भारत सरकार ने बार-बार इन दावों को खारिज किया है और स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दे, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर से संबंधित, विशुद्ध रूप से द्विपक्षीय मामले हैं और इनका समाधान इसी स्तर पर किया जाएगा।