दिवाली की आतिशबाजी और पटाखों के शोर के थमने के बाद, दिल्ली की हवा मंगलवार सुबह सांस लेना दूभर हो गई। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुँच गया है, और आने वाले दिनों में यह ‘गंभीर’ स्तर तक जा सकता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, ITO जैसे इलाकों में AQI 259 पर पहुँच गया है, जो ‘खराब’ श्रेणी को दर्शाता है।
**दिवाली पर प्रदूषण का हाल:**
CPCB के आंकड़ों के अनुसार, दिवाली की सुबह दिल्ली का AQI 335 दर्ज किया गया था, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। सोमवार शाम को यह बढ़कर 345 हो गया था। पड़ोसी शहरों जैसे गाजियाबाद (316) और नोएडा (325) में भी हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ बनी हुई है, जबकि गुरुग्राम 295 (खराब) और फरीदाबाद 182 (मध्यम) पर हैं।
**स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण का असर:**
स्वास्थ्य विशेषज्ञ वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर चिंतित हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे श्वसन तंत्र संबंधी बीमारियों, हृदय संबंधी समस्याओं और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। AIIMS के डॉ. हर्षल आर. साल्वे ने बताया कि वायु प्रदूषण के अल्पकालिक प्रभाव अस्थमा और COPD के रोगियों के लिए खतरनाक हैं, जबकि लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से हृदय रोग, स्ट्रोक और यहाँ तक कि डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारियाँ भी हो सकती हैं। बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग इस प्रदूषण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
**GRAP-II लागू, सरकार की पहल:**
दिल्ली की बिगड़ती हवा को नियंत्रित करने के लिए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने तत्काल प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-II को लागू कर दिया है। इस योजना के तहत, नागरिकों से सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक उपयोग करने, धूल पैदा करने वाली गतिविधियों से बचने और कचरा न जलाने की अपील की गई है। सड़कों पर वैक्यूम स्वीपिंग और पानी का छिड़काव, निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों की कड़ाई से निगरानी और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। पूरे NCR में इस 12-सूत्रीय योजना को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।