हाल ही में अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर हुई भारी गोलीबारी के बाद एक अस्थायी शांति कायम हुई है, लेकिन इस घटना ने पाकिस्तान की वैश्विक छवि को धूमिल कर दिया है। सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें तालिबान लड़ाके पाकिस्तानी सैन्य उपकरणों के साथ मार्च करते हुए और पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा छोड़ी गई पैंट्स लहराते हुए दिख रहे हैं। इस दृश्य ने 1971 के भारत-पाक युद्ध की यादें ताज़ा कर दी हैं और पाकिस्तान को उपहास का पात्र बना दिया है।
‘93,000’ हैशटैग का मतलब: वायरल हो रही शर्मिंदगी
इस घटना का सबसे शर्मनाक पहलू ‘93,000’ का ट्रेंडिंग हैशटैग है। यह आंकड़ा सीधे तौर पर 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों के भारतीय सेना और मुक्ति वाहिनी के सामने हुए आत्मसमर्पण से जुड़ा है। अफगान कार्यकर्ता और सोशल मीडिया यूजर्स इस घटना को “93,000 पैंट सेरेमनी 2.0” कहकर 1971 की हार का मज़ाक उड़ा रहे हैं।
इतिहास की पुनरावृत्ति?
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस घटना की तुलना 1971 की हार से करते हुए लिखा है कि “1971 से 2025 तक, कुछ भी नहीं बदला है, इतिहास खुद को दोहरा रहा है।”। छोड़ी गई पैंट्स का प्रदर्शन 1971 में ले. जनरल ए.ए.के. नियाज़ी द्वारा किए गए औपचारिक आत्मसमर्पण का प्रतीकात्मक रूप माना जा रहा है।
आइकॉनिक तस्वीर का प्रयोग
अफगान कार्यकर्ता फजल अफगान और पूर्व सैन्य अधिकारी कर्नल कर्मजीत सिंह ढिल्लों जैसे कई लोगों ने 1971 की प्रतिष्ठित आत्मसमर्पण तस्वीर को ‘93,000’ हैशटैग के साथ साझा किया है, जिससे पाकिस्तान की सैन्य नाकामी पर कटाक्ष किया गया है।
सीमा पर झड़पें और युद्धविराम का खेल
यह अपमानजनक घटना सीमा पर चल रहे तनाव के बीच हुई है। पाकिस्तान ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों पर हमला करने के लिए सीमा पार raid की थी, जिसका आरोप वह अफगान तालिबान पर लगाता है। तालिबान का दावा है कि उन्होंने इस raid में 60 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया।
युद्धविराम पर खींचातानी
कतर और सऊदी अरब जैसे देशों के हस्तक्षेप के बाद युद्धविराम संभव हो सका। लेकिन इस पर भी दोनों पक्ष अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। तालिबान का कहना है कि यह युद्धविराम पाकिस्तानी पक्ष के दबाव में हुआ, जबकि पाकिस्तान का कहना है कि यह अफगानिस्तान के कहने पर हुआ। इस पूरी घटना ने पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी कराई है।