शुक्रवार की शाम को पड़ोसी अफगानिस्तान पर पाकिस्तानी हवाई हमलों ने दो दिवसीय शांति समझौते को तोड़ दिया, जिसने दोनों देशों के बीच चल रही हिंसक झड़पों को अस्थायी रूप से रोक दिया था। ये हमले अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत के आवासीय क्षेत्रों में किए गए, जिससे दोनों देशों के बीच फिर से तनाव बढ़ गया है।
**पक्तिका में नागरिकों पर हमले**
प्रसारण माध्यमों से मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी वायु सेना के विमानों ने पक्तिका के अर्गुन और बरमल जिलों में स्थित रिहायशी इलाकों पर बम गिराए। तालिबान के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि पाकिस्तान ने युद्धविराम का उल्लंघन किया है, जिससे शांति की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है।
**सीजफायर का अल्पकालिक विराम**
यह हवाई हमले शुक्रवार की शाम को युद्धविराम की निर्धारित समाप्ति से कुछ ही समय पहले हुए। इस 48 घंटे के शांति समझौते को बुधवार शाम 6 बजे (इस्लामाबाद समय) शुरू किया गया था। यह समझौता सीमा पर सप्ताह भर चली भीषण लड़ाई के बाद हुआ था, जिसमें दोनों तरफ कई जानें गई थीं।
हवाई हमलों से पहले, यह संकेत मिल रहे थे कि शांति समझौता बढ़ाया जा सकता है, जिससे दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होने की आशा जगी थी। लेकिन, पाकिस्तानी विमानों के अफगान सीमा में घुसते ही यह उम्मीदें समाप्त हो गईं।
**काबुल हमलों के बाद बढ़ी अस्थिरता**
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव तब बढ़ा जब पाकिस्तान ने 9 अक्टूबर 2025 को काबुल में टीटीपी नेताओं के खिलाफ हवाई कार्रवाई की। इसके जवाब में, अफगान तालिबान ने भी जवाबी हमले किए, जिससे सीमा पर टकराव गंभीर हो गया। इस क्षेत्र में विवादित डूरंड रेखा और सीमा पार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियां लंबे समय से अस्थिरता का कारण बनी हुई हैं।
**एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप**
पाकिस्तान का दावा है कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार पाकिस्तानी तालिबान लड़ाकों को शरण देती है, जो सीमा पार से हमले करते हैं। वहीं, अफगान सरकार इन आरोपों को खारिज करती है और पाकिस्तान पर हवाई हमलों के जरिए उनकी संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाती है।