वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय भूगोल के साथ अपनी भ्रमित करने वाली समझ का प्रदर्शन किया है। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए, उन्होंने गलती से ईरान को भारत बता दिया और दावा किया कि उनके टैरिफ (आयात शुल्क) के दम पर उन्होंने पाकिस्तान और ईरान के बीच परमाणु युद्ध की भयावह स्थिति को टाल दिया।
ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि टैरिफ उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने पाकिस्तान और ईरान के बीच की स्थिति का उदाहरण देते हुए कहा, “मैं ईरान के साथ एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा था, और पाकिस्तान भी इसमें शामिल होने वाला था।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दोनों देश युद्ध की ओर बढ़ते हैं, तो वह दोनों पर 200% का टैरिफ लगा देंगे, जिससे उनका अमेरिका के साथ व्यापार पूरी तरह बंद हो जाएगा।
अपने दावे को पुष्ट करते हुए, ट्रम्प ने कहा, “उनकी गोलीबारी के बाद, मैंने उनसे पूछा कि क्या वे युद्ध करने जा रहे हैं। मैंने उन्हें 200% टैरिफ की धमकी दी।” उनका दावा है कि इस धमकी के 24 घंटे के भीतर, दोनों देशों के बीच तनाव कम हो गया और युद्ध टल गया, जिससे लाखों जानें बच गईं। यह एक ऐसा दावा है जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।
**’आठ युद्ध रोके’ का पुराना राग**
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, ट्रम्प ने अपने उस पुराने दावे को भी दोहराया जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने केवल आठ महीनों में आठ युद्धों को समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी अन्य अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऐसा अभूतपूर्व काम नहीं किया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उनके इस योगदान को उतनी पहचान नहीं मिली जितनी मिलनी चाहिए थी। “क्या मुझे नोबेल पुरस्कार मिला? नहीं,” उन्होंने निराशा व्यक्त करते हुए कहा। “मुझे विश्वास है कि भविष्य में मुझे इसका श्रेय मिलेगा। लेकिन आप जानते हैं कि मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण क्या है? मैंने लाखों जिंदगियां बचाई हैं।” यह स्पष्ट है कि ट्रम्प 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर कुछ अप्रसन्न थे, जो वेनेज़ुएला की मारिया कोरिना मचाडो को दिया गया।