भारतीय टेस्ट उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने भारतीय घरेलू क्रिकेट में चयनकर्ताओं की नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार का प्रस्ताव रखा है। उनकी माने तो, चयन समिति में उन खिलाड़ियों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए जिन्होंने हाल के वर्षों में ही क्रिकेट खेलना छोड़ा है। रहाणे का तर्क है कि हालिया सेवानिवृत्त खिलाड़ियों की सोच और मानसिकता वर्तमान क्रिकेट के तेज गति वाले माहौल के साथ बेहतर तालमेल बिठा सकती है।
उन्होंने कहा, “क्रिकेट 20-30 साल पहले से बहुत अलग है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि चयनकर्ताओं की मानसिकता और सोच खेल के इस विकसित रूप के साथ मेल खाए।” रहाणे ने विशेष रूप से घरेलू क्रिकेट चयनकर्ताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा, “हमें ऐसे चयनकर्ताओं की आवश्यकता है जो हाल ही में टॉप-क्लास क्रिकेट से सेवानिवृत्त हुए हों, चाहे वह पांच, छह, सात या आठ साल पहले ही क्यों न हुआ हो।”
रहाणे ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय टीम, विशेषकर टेस्ट टीम, के लिए खिलाड़ियों का चयन मुख्य रूप से उनके घरेलू क्रिकेट प्रदर्शन के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने कहा, “आईपीएल और टी20 क्रिकेट के युग में, यह समझना महत्वपूर्ण है कि आधुनिक क्रिकेट की शैली क्या है।” उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि खिलाड़ियों को चयनकर्ताओं से भयभीत नहीं होना चाहिए और उन्हें मैदान पर निडर होकर खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
इस चर्चा में शामिल हुए चेतेश्वर पुजारा, जिन्होंने हाल ही में सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की है, ने रहाणे के विचारों का समर्थन किया। पुजारा ने कहा कि यह बड़े राज्यों में आसानी से लागू किया जा सकता है, जहां खिलाड़ियों के कई विकल्प मौजूद हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन क्रिकेटरों का रिकॉर्ड उत्कृष्ट रहा है और वे चयनकर्ता बनना चाहते हैं, उन्हें सिर्फ इसलिए अवसर से वंचित नहीं किया जाना चाहिए कि वे लंबे समय पहले खेल चुके हैं।
दोनों खिलाड़ियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि घरेलू क्रिकेट भारतीय टीम के चयन का आधार होना चाहिए। पुजारा ने कहा, “घरेलू खिलाड़ियों को, जिन्होंने रणजी ट्रॉफी या अन्य प्रथम श्रेणी टूर्नामेंटों में अच्छा प्रदर्शन किया है, उन्हें टीम में मौका मिलना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “यह एक सकारात्मक संकेत है कि घरेलू प्रदर्शन को महत्व दिया जा रहा है। भारतीय टेस्ट टीम का चयन पूरी तरह से घरेलू प्रदर्शन पर आधारित होना चाहिए।” रहाणे ने इस बात को दोहराया कि घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने के बाद टेस्ट कैप प्राप्त करने का अनुभव और मूल्य अलग होता है।