हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की मृत्यु ने राज्य में सियासी उबाल ला दिया है। इस गंभीर प्रकरण के बाद, हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को सूत्रों के अनुसार छुट्टी पर भेज दिया गया है। 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित अपने निवास पर गोलियों से छलनी मिले आईपीएस अधिकारी के शव को पुलिस आत्महत्या का मामला मान रही है। इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने इस मामले को दलित समुदाय के सम्मान से जोड़ते हुए तत्काल न्याय की मांग की है।
चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान, राहुल गांधी ने इस घटना को सिर्फ एक परिवार तक सीमित न मानते हुए, देश भर के करोड़ों दलितों के आत्मसम्मान पर चोट बताया। उन्होंने मांग की कि इस मामले में संलिप्त अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उनके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई हो। उन्होंने आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार को कथित रूप से प्रताड़ित करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अविलंब कार्रवाई कर उन्हें उचित सम्मान दिलाने की बात कही।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अधिकारी के आवास से मिले एक नोट में आठ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नाम शामिल हैं, जिनमें डीजीपी कपूर भी शामिल हैं। इन पर गंभीर जातिगत भेदभाव, निरंतर मानसिक प्रताड़ना और सार्वजनिक अपमान का आरोप लगाया गया है। इन संगीन आरोपों ने राज्य पुलिस नेतृत्व को कटघरे में खड़ा कर दिया है और एक स्वतंत्र जांच की मांग ने जोर पकड़ लिया है।
इस संवेदनशील स्थिति के मद्देनजर, हरियाणा सरकार ने पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने और सांप्रदायिक सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए सभी जिला प्रशासनों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। मुख्य सचिव (गृह) द्वारा जारी आदेश में अधिकारियों को सतर्कता बरतने, स्थानीय नेताओं से संपर्क में रहने और शांति बनाए रखने के लिए हरसंभव कदम उठाने को कहा गया है। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने पर तत्काल रिपोर्ट भेजने के निर्देश हैं।
राहुल गांधी ने मृत आईपीएस अधिकारी के परिजनों से मिलकर अपना दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह घटना हर दलित परिवार के सम्मान का सवाल है। मैं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि शीघ्र कार्रवाई करें।” उन्होंने अधिकारी की पत्नी के हवाले से कहा कि कम से कम मरणोपरांत तो सम्मान दें।