वृंदावन के जगद्गुरु प्रेमानंद महाराज जी की सेहत को लेकर भक्तों के बीच चिंता का माहौल है। पिछले तीन दिनों से उनकी प्रसिद्ध दैनिक पदयात्रा रुकी हुई है। श्री केली कुंज आश्रम ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि स्वास्थ्य संबंधी कारणों से महाराज जी की यह आध्यात्मिक यात्रा फिलहाल स्थगित रहेगी।
प्रेमानंद महाराज जी, जिनका आध्यात्मिक प्रभाव देश-विदेश में फैला हुआ है, अपने सत्संगों के माध्यम से जीवन के गूढ़ रहस्यों और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार करते हैं। उनकी सादगीपूर्ण और शांत प्रतिक्रियाएं भक्तों के दिलों को छू जाती हैं, खासकर जब वे व्यक्तिगत समस्याओं पर सलाह देते हैं।
हाल के दिनों में, महाराज जी की शारीरिक स्थिति ने सभी को चिंतित कर दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में, उनकी आँखों में सूजन और चेहरे पर लाली स्पष्ट देखी जा सकती है, जो उनके स्वास्थ्य की नाजुकता को दर्शाती है। @bhajanmarg_official पर साझा किए गए इस वीडियो ने प्रशंसकों को भावुक कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार, प्रेमानंद महाराज जी गंभीर किडनी रोग से ग्रस्त हैं, और उनके दोनों गुर्दे करीब 18 सालों से ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि पहले जहाँ वे सप्ताह में पांच बार डायलिसिस करवाते थे, वहीं अब यह प्रक्रिया प्रतिदिन की जा रही है।
इसके बावजूद, महाराज जी ने अपनी आध्यात्मिक गतिविधियों को जारी रखा है। उन्होंने हाल ही में भक्तों को आश्वस्त किया है कि वे आईसीयू में नहीं हैं और उनसे अफवाहों पर ध्यान न देने का अनुरोध किया है।
प्रेमानंद जी महाराज, जो अपनी आध्यात्मिक शिक्षाओं के लिए प्रसिद्ध हैं, सुबह 2 बजे उठकर परिक्रमा करते हैं और नित्य सत्संग करते हैं। डायलिसिस के कारण उनके भोजन में सख्त परहेज है, जिसमें केवल आधा रोटी और कुछ सब्जियां शामिल हैं। वे राधा नाम के स्मरण से शक्ति प्राप्त करते हैं।
गुर्दे शरीर के फिल्टर का काम करते हैं, अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालते हैं। जब गुर्दे अपना कार्य ठीक से नहीं कर पाते, तो शरीर में ज़हरीले पदार्थ जमा होने लगते हैं, जिससे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। किडनी फेलियर के सामान्य लक्षणों में पेशाब में बदलाव, पैरों और हाथों में सूजन, अत्यधिक थकान और भूख में कमी शामिल हैं। ऐसे में, जीवन जीने के लिए डायलिसिस एक अनिवार्य प्रक्रिया बन जाती है।