धनतेरस, जिसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, दिवाली के पांच दिनों के उत्सव का पहला दिन होता है। यह दिन हिंदू पंचांग में अत्यंत शुभ माना जाता है और धन की देवी, मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस अवसर पर लोग सोना, चांदी, बर्तन आदि खरीदते हैं, जिसे समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
हालांकि, धनतेरस पर खरीदारी के साथ-साथ कुछ ऐसे कार्य भी हैं जिनसे बचने की सलाह दी जाती है। कुछ विशेष वस्तुओं को इस दिन दान या उपहार के रूप में देना अशुभ हो सकता है और यह घर में नकारात्मकता ला सकता है या आर्थिक तंगी का कारण बन सकता है।
आइए जानते हैं धनतेरस के दिन किन 4 चीज़ों को किसी को देना आपके लिए दुर्भाग्यशाली साबित हो सकता है:
1. नकद या सिक्कों का दान:
धनतेरस के दिन नकद या सिक्के देना अच्छा नहीं माना जाता। ऐसा माना जाता है कि इससे घर की लक्ष्मी बाहर चली जाती है और आर्थिक नुकसान हो सकता है। यह दिन मां लक्ष्मी का स्वागत करने का है, न कि उन्हें विदा करने का।
सुझाव: यदि आप दान करना चाहते हैं, तो धनतेरस से एक दिन पहले या बाद में करें।
2. काली वस्तुएं और वस्त्र:
काला रंग ज्योतिष में अक्सर शनि ग्रह से और नकारात्मकता से जुड़ा होता है। धनतेरस जैसे शुभ अवसर पर किसी को काले रंग के कपड़े, जूते या कोई अन्य वस्तु देना अशुभ माना जाता है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है।
सुझाव: पीले, लाल, हरे या सुनहरे जैसे शुभ रंग की वस्तुएं उपहार में देना बेहतर होता है।
3. तेल और घी का दान:
तेल और घी का उपयोग दीये जलाने और पूजा-पाठ में किया जाता है, जो शुभता और प्रकाश का प्रतीक हैं। धनतेरस पर इन्हें दान करने से घर की समृद्धि और प्रकाश कम हो सकता है। इन्हें घर में ही उपयोग के लिए रखना चाहिए।
सुझाव: घर में दीपक जलाने के लिए तेल या घी का उपयोग करें ताकि मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहे।
4. लोहे से बनी वस्तुएं:
लोहे को शनि का धातु माना जाता है और धनतेरस पर इसे शुभ नहीं माना जाता। लोहे के बर्तन, औजार या सजावटी सामान दान करने से जीवन में बाधाएं और दुर्भाग्य आ सकता है। इस दिन सोना, चांदी, पीतल जैसी धातुओं की खरीदारी को महत्व दिया जाता है।
सुझाव: यदि बर्तन खरीदना है तो लोहे या स्टील की जगह पीतल, तांबा या चांदी के बर्तन खरीदें।
धनतेरस पर क्या करें:
इन निषिद्ध वस्तुओं के अलावा, धनतेरस पर कुछ कार्य अवश्य करने चाहिए:
सोना, चांदी, पीतल आदि की खरीदारी करें।
शाम को 13 दीपक जलाएं, विशेषकर यमराज के लिए।
घर को साफ-सुथरा रखें और सजाएं।
मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा करें।
घर के मुख्य द्वार पर रंगोली और फूल सजाएं।
धनतेरस का पर्व समृद्धि, सकारात्मकता और नए आरंभ का प्रतीक है। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप इस पर्व को और भी मंगलमय बना सकते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। धनतेरस 2025 को खुशी, प्रकाश और सकारात्मक ऊर्जा के साथ मनाएं।