ऐसे लोग भी हैं जो पूरी तरह से परदे के पीछे रहकर भी दुनिया भर की वित्तीय व्यवस्था पर अमिट छाप छोड़ते हैं। अगस्टिन कारस्टेन्स ऐसे ही एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। भले ही उनका नाम आम लोगों के बीच ज्यादा चर्चित न हो, पर उनके द्वारा लिए गए निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिशा तय करते हैं। कारस्टेन्स बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) का नेतृत्व करते हैं, जिसे ‘केंद्रीय बैंकों का बैंक’ भी कहा जाता है। यह दुनिया की सबसे गोपनीय और शक्तिशाली वित्तीय संस्थाओं में से एक है।
बीआईएस: वैश्विक वित्तीय समन्वय का केंद्र
स्विट्जरलैंड के बेसल में स्थित बीआईएस, दुनिया भर के प्रमुख केंद्रीय बैंकों, जैसे यूएस फेडरल रिजर्व, यूरोपीय सेंट्रल बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम करता है। यह संस्था वैश्विक ब्याज दरों, मुद्रास्फीति पर नियंत्रण और आर्थिक संकटों से निपटने के लिए नीतियों का तालमेल बिठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
जब कोई देश आर्थिक मुश्किलों से जूझ रहा होता है, तो अक्सर इन देशों की सरकारें बेसल में तैयार की जाने वाली रणनीतियों पर निर्भर करती हैं। इन सभी महत्वपूर्ण फैसलों के सूत्रधार कारस्टेन्स ही हैं।
अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने की शक्ति
अगस्टिन कारस्टेन्स एक असली ‘अदृश्य हाथ’ की तरह काम करते हैं। वे बिना सार्वजनिक प्रदर्शन के ऐसे निर्णय लेते हैं जो करोड़ों लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं। उनके कुशल नेतृत्व में, बीआईएस न केवल पूंजी के प्रवाह को दिशा देता है, बल्कि यह भी निर्धारित करता है कि केंद्रीय बैंक कैसे मुद्रास्फीति, ब्याज दर के उतार-चढ़ाव और वित्तीय अस्थिरता का सामना करेंगे। उनके हर कदम का एक खास उद्देश्य होता है और हर निर्णय दूरगामी परिणाम लाता है।
ख्याति नहीं, स्थिरता की तलाश
कारस्टेन्स का मानना है कि प्रसिद्धि या सुर्खियों से ज़्यादा आर्थिक स्थिरता अहम है। वे मीडिया की चकाचौंध और सार्वजनिक पहचान से दूर रहना पसंद करते हैं। लेकिन जब भी वैश्विक अर्थव्यवस्था किसी अनिश्चितता या संकट का सामना करती है, तो उनकी भूमिका सबसे अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।
बीआईएस द्वारा तय की गई मौद्रिक नीतियां ही यह निर्धारित करती हैं कि बाजार में धन की लागत क्या होगी और वैश्विक अर्थव्यवस्था किस राह पर आगे बढ़ेगी।
सरल शब्दों में कहें तो, भले ही अगस्टिन कारस्टेन्स का नाम ज्यादा लोगों को पता न हो, लेकिन उनके फैसलों का असर हर देश, हर व्यक्ति की जेब और हर बाजार पर पड़ता है। वे बिना किसी दिखावे के वैश्विक वित्तीय परिदृश्य को आकार देते हैं। वे वास्तव में दुनिया की मौद्रिक व्यवस्था के एक ऐसे महारथी हैं।