युवा भारतीय बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने आखिरकार शुभमन गिल के साथ हुई एक रन-आउट घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसके कारण वह अपना पहला टेस्ट दोहरा शतक बनाने से चूक गए। दूसरे दिन की शुरुआत में, 173 रनों पर खेल रहे जायसवाल को कप्तान गिल के साथ तालमेल की कमी के चलते पवेलियन लौटना पड़ा।
मैच के बाद, जायसवाल ने इस घटना को खेल का एक स्वाभाविक हिस्सा बताया। उन्होंने कहा, “रन-आउट खेल का हिस्सा हैं, इसमें कोई दिक्कत नहीं है। हर दिन की शुरुआत में टीम के लक्ष्य और व्यक्तिगत लक्ष्य होते हैं। मैं कल जल्दी खेलने की कोशिश कर रहा था। मेरा लक्ष्य था कि मैं एक घंटे तक बल्लेबाजी करूं, जिससे बाद में रन बनाना आसान हो जाए। विकेट अभी भी बहुत अच्छा है और हम अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं।”
**रन-आउट की पूरी कहानी:**
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना तब घटी जब जायसवाल ने जेडेन सील्स की एक गेंद को मिड-ऑफ की ओर खेला और तुरंत एक रन लेने के लिए दौड़े। लेकिन गिल ने दौड़ने में झिझक दिखाई, जिससे जायसवाल आधे रास्ते तक पहुंच गए थे। टैगेनरिन चंद्रपॉल ने फुर्ती से गेंद उठाई और विकेटकीपर की ओर फेंकी। हालांकि कीपर ने गेंद को पकड़ने में थोड़ी गलती की, लेकिन उन्होंने जल्द ही गिल्लियां बिखेर दीं। इस प्रकार, जायसवाल का शानदार शतक 175 रनों पर समाप्त हो गया।
**रिकॉर्ड्स और उपलब्धियां:**
इस निराशा के बावजूद, जायसवाल ने अपने 175 रनों के साथ कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। 23 साल की उम्र में, उन्होंने 24 साल की उम्र से पहले 150+ के सर्वाधिक स्कोर (पांच) का भारतीय रिकॉर्ड बनाया, जिसमें उन्होंने महान सचिन तेंदुलकर (चार) को पीछे छोड़ दिया। डॉन ब्रैडमैन (आठ) इस मामले में विश्व में सबसे आगे हैं। जायसवाल ने सलामी बल्लेबाज के रूप में 24 साल की उम्र से पहले सबसे अधिक शतक बनाने के मामले में ग्रीम स्मिथ के रिकॉर्ड की बराबरी की और भारत में टेस्ट की पहली पारी में दो बार 150+ का स्कोर बनाने वाले विराट कोहली के रिकॉर्ड की भी बराबरी की।
**मैच की स्थिति:**
दूसरे दिन के अंत तक, भारत ने वेस्टइंडीज पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी। यशस्वी जायसवाल के 175 और शुभमन गिल के शतक की मदद से भारत ने 518/5 के स्कोर पर पारी घोषित की। जवाब में, वेस्टइंडीज की टीम 140/4 के स्कोर तक ही पहुंच पाई थी। 378 रनों की विशाल बढ़त के साथ, भारत तीसरे दिन मैच जीतने के लिए अच्छी स्थिति में है।