पाकिस्तान की कट्टरपंथी धार्मिक पार्टी, तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों का “गाजा मार्च” शुक्रवार को लाहौर में हिंसक हो गया। पार्टी का दावा है कि पुलिस कार्रवाई में कम से कम 11 कार्यकर्ता मारे गए और कई अन्य घायल हुए। पुलिस ने हालांकि किसी भी मौत की पुष्टि नहीं की है, पर दर्जनों पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं।
**मार्च की शुरुआत और पुलिस से टकराव:**
नवाज़ शरीफ़ के शहर लाहौर में, टीएलपी ने अपने मुख्यालय से इस्लामाबाद की ओर एक बड़ा मार्च निकाला। पार्टी प्रमुख साद रिज़वी के नेतृत्व में हजारों लोग इकट्ठा हुए, जो धार्मिक नारों के साथ सड़कों पर उतर आए। उनके हाथों में डंडे और ईंटें थीं।
पुलिस ने श्रीनगर हाईवे के पास प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए और आंसू गैस के गोले दागे। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इन बाधाओं को तोड़ दिया और आगे बढ़ते रहे। कुछ प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर ऑरेंज लाइन मेट्रो ट्रैक पर भी हंगामा किया और सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी की, जिससे कई पुलिस अधिकारी चोटिल हुए।
**संपत्ति को नुकसान और वीडियो फुटेज:**
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों ने लाहौर वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी और पंजाब पुलिस की क्रेन सहित सरकारी वाहनों पर भी कब्जा कर लिया। अज़ादी चौक के पास झड़पें तेज हो गईं, जहाँ कई पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और कई पुलिसकर्मी चोटिल हुए।
**आरोप-प्रत्यारोप:**
टीएलपी ने दावा किया कि उनके कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने गोलियां चलाईं, जिससे मौतें हुईं। वहीं, पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने उन पर पथराव और हमला किया। लाहौर पुलिस ने पुष्टि की कि झड़पों के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
**कानूनी कार्रवाई:**
पुलिस ने 110 टीएलपी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है और उन पर पुलिस पर हमला करने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और हिंसा भड़काने का आरोप है। अदालत ने उन्हें 12 दिन की रिमांड पर भेजा है।
**सरकार का रुख:**
पाकिस्तान के आंतरिक राज्य मंत्री, तलाल चौधरी ने टीएलपी पर “राजनीतिक स्वार्थ” के लिए लोगों को भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगी, लेकिन शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का सम्मान करती है।
**सुरक्षा उपाय:**
स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए, प्रशासन ने इस्लामाबाद की ओर जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों को सील कर दिया है और राजधानी में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।
**टीएलपी का इतिहास:**
टीएलपी एक कट्टरपंथी इस्लामी समूह है जो अक्सर ईशनिंदा कानूनों जैसे मुद्दों पर सड़कों पर बड़े प्रदर्शन आयोजित करता है। 2015 में स्थापित इस पार्टी ने पहले भी कई बार हिंसक झड़पों का सामना किया है।