पश्चिमी सिंहभूम जिले में गुरुवार देर रात एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी चंदन कुमार के आदेश पर, जिला शिक्षा पदाधिकारी टोनी प्रेमराज टोप्पो ने तीन स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया है। इन शिक्षकों पर अवैध रूप से पैसे वसूलने के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके चलते यह बड़ी कार्रवाई हुई है।
जिन शिक्षकों को निलंबित किया गया है, उनमें राकेश कुमार, जो मारवाड़ी प्लस टू उच्च विद्यालय, चक्रधरपुर में कार्यरत थे, आलोक आनंद मुण्डु, जो प्लस टू उच्च विद्यालय, कुल्डा बंदगांव के शिक्षक थे, और फेडरिक प्रदीप मिंज, जो प्लस टू उच्च विद्यालय, गोइलकेरा में पदस्थापित थे, शामिल हैं। इन शिक्षकों के खिलाफ अवैध राशि वसूली के पुख्ता सबूत मिलने के बाद यह फैसला लिया गया है।
जिला उपायुक्त की हरी झंडी मिलने के बाद, झारखंड सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2016 के प्रावधानों के तहत इन तीनों शिक्षकों का निलंबन प्रभावी हुआ है। निलंबन की अवधि में, इन शिक्षकों के मुख्यालय शिक्षा पदाधिकारी, कुमारडुंगी (राकेश कुमार), शिक्षा पदाधिकारी, जगन्नाथपुर (आलोक आनंद मुण्डु) और शिक्षा पदाधिकारी, मनोहरपुर (फेडरिक प्रदीप मिंज) कार्यालयों में निर्धारित किए गए हैं।
निलंबन के दौरान, संबंधित शिक्षकों को सरकारी नियमों के अनुसार अपना जीवन यापन करने हेतु भत्ता मिलेगा। इसके अतिरिक्त, उन्हें सौंपे गए मुख्यालयों में नियमित रूप से बायोमेट्रिक हाजिरी देना अनिवार्य रहेगा। यह निलंबन शिक्षकों के बीच अनुशासन बनाए रखने और सरकारी नियमों के पालन पर जोर देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।