गाजा में जारी विनाशकारी युद्ध के बीच, इजरायल और हमास के बीच हालिया शांति समझौता एक उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। लेकिन इस बीच, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि शांति स्थापित करने के लिए यह पहला प्रयास नहीं है। युद्ध की शुरुआत 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के इजरायल पर घातक हमले के बाद हुई थी, जिसमें 1,200 लोगों की जान गई और 251 बंधक बनाए गए। तब से, संघर्ष को रोकने और शांति लाने के कई प्रयास हुए हैं, लेकिन वे अब तक नाकाम रहे हैं।
**पिछली शांति पहलों पर एक नजर:**
* **21 नवंबर, 2023 का पहला युद्धविराम:** छह हफ्तों से अधिक के विनाशकारी युद्ध और हजारों मौतों के बाद, इजरायल और हमास ने 21 नवंबर, 2023 को चार दिवसीय युद्धविराम पर सहमति व्यक्त की। इस समझौते के तहत, इजरायल ने महिलाओं और बच्चों सहित 240 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया, और हमास ने बंधकों की रिहाई की। लेकिन यह केवल एक अस्थायी ठहराव था, और 1 दिसंबर, 2023 को इजरायल ने अपना सैन्य अभियान फिर से शुरू कर दिया।
* **6 मई, 2024 का प्रस्तावित समझौता:** मिस्र और कतर के मध्यस्थता के प्रयासों से, हमास ने 6 मई को एक प्रस्ताव स्वीकार कर लिया, जिसमें 42 दिनों के भीतर 33 इजरायली बंधकों की रिहाई के बदले सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ना शामिल था। इसके बाद इजरायली सेना का गाजा से पूर्ण पलायन होना था। हालाँकि, इजरायल ने इस समझौते को स्वीकार नहीं किया और राफा पर आक्रमण कर दिया।
* **15 जनवरी, 2025 का समझौता:** लगभग 15 महीनों के गंभीर संघर्ष के बाद, जिसमें अनुमानित 100,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए, 15 जनवरी, 2025 को एक और युद्धविराम पर सहमति बनी। हालांकि, इसे शुरू होने से ठीक पहले, इजरायल ने मांग की कि हमास पहले तीन बंधकों के नाम बताए। तकनीकी कारणों से देरी के बाद, युद्धविराम अंततः शुरू हुआ।
**विफलताओं के पीछे के कारण:**
पिछली सभी शांति वार्ताओं में, प्रमुख बाधाएं विश्वास की कमी, हमास की मांगों और इजरायल की सुरक्षा चिंताओं के बीच संतुलन की कमी, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की लगातार बदलती भूमिका रही हैं। अक्सर, अमेरिकी अधिकारी हमास पर समझौतों का पालन न करने का आरोप लगाते रहे हैं। फिलिस्तीनी प्राधिकरण की भूमिका पर नेतन्याहू का विरोध भी एक प्रमुख अड़चन रहा है। ये सभी कारक मिलकर शांति की राह को लगातार मुश्किल बनाते रहे हैं।