अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार की देर रात एक बड़ी घोषणा की, जिससे गाजा में लंबे समय से चल रहे विनाशकारी युद्ध के समाप्त होने की उम्मीद जगी है। ट्रुथ सोशल पर पोस्ट साझा करते हुए, ट्रम्प ने पुष्टि की कि इजराइल और हमास ने शांति योजना के पहले चरण पर सहमति व्यक्त की है। इस महत्वपूर्ण समझौते में बंधकों की रिहाई और इजरायली सैनिकों की वापसी जैसे प्रमुख बिंदु शामिल हैं, जो क्षेत्र में स्थायी शांति की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
ट्रम्प की योजना, जो 20 सूत्रीय प्रस्ताव का हिस्सा है, का उद्देश्य न केवल युद्ध को रोकना है, बल्कि बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करना और गाजा के भविष्य के लिए एक राजनीतिक ढांचे की स्थापना करना भी है। इस पहल को इजराइल, हमास और कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय देशों का समर्थन प्राप्त हुआ है।
लगभग दो वर्षों से जारी इस युद्ध ने गाजा को तबाह कर दिया है, जहां हताहतों की संख्या 67,000 से अधिक बताई गई है। हजारों लोग विस्थापित हुए हैं और मानवीय संकट गहरा गया है। ऐसे में, ट्रम्प के इस मध्यस्थता प्रयास को संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक आशाजनक विकास के रूप में देखा जा रहा है।
इस घोषणा से ठीक पहले, ट्रम्प को व्हाइट हाउस में एक गुप्त सूचना मिली थी, जिसमें उन्हें इस समझौते के बारे में तुरंत जानकारी साझा करने का निर्देश दिया गया था। यह सूचना उनकी कूटनीतिक सक्रियता का परिणाम थी, जिसमें उन्होंने हाल के हफ्तों में इजराइल और अन्य क्षेत्रीय नेताओं के साथ गहन बातचीत की थी।
29 सितंबर को, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मुलाकात के बाद, ट्रम्प ने ‘शांति का रोडमैप’ प्रस्तुत किया था। इस रोडमैप में इजरायली सेना की चरणबद्ध वापसी, सभी बंधकों की रिहाई, कैदियों का आदान-प्रदान, और एक बहुराष्ट्रीय निकाय द्वारा गाजा के प्रशासन का प्रस्ताव शामिल था।
ट्रम्प ने कतर, मिस्र और तुर्किये को उनकी मध्यस्थता भूमिका के लिए विशेष रूप से धन्यवाद दिया, इसे ‘शांति के लिए एक साझा मिशन’ बताया।
हालांकि, इस ‘प्रथम चरण’ के समझौते में अभी भी कुछ महत्वपूर्ण अनसुलझे मुद्दे हैं। जहां ट्रम्प की योजना बंधकों की रिहाई के साथ ही युद्ध की समाप्ति चाहती है, वहीं इजराइल का रुख है कि हमास के पूर्ण निरस्त्रीकरण के बाद ही युद्ध समाप्त हो सकता है।
वर्तमान समझौते के तहत, बंधकों की रिहाई को लेकर कुछ निश्चितताएं सामने आई हैं। ट्रम्प ने कहा कि बंधकों की रिहाई, संभवतः मृत बंधकों के अवशेषों सहित, सोमवार तक हो सकती है। हमास के एक सूत्र ने बताया कि जीवित बंधकों को इजरायली सरकार की मंजूरी के 72 घंटों के भीतर छोड़ दिया जाएगा। इजरायली अधिकारियों ने भी शनिवार तक प्रक्रिया शुरू होने की ओर इशारा किया है।
इजराइल में, इस खबर का स्वागत मिला-जुला रहा। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इसे ‘इजराइल के लिए एक महान दिन’ बताते हुए ट्रम्प के प्रयासों की सराहना की। वहीं, हमास ने युद्ध की समाप्ति, वापसी और कैदियों के आदान-प्रदान की पुष्टि की, लेकिन साथ ही अमेरिका और अन्य देशों से इजरायल पर समझौते के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए दबाव बनाने का आग्रह किया।
गाजा में, घोषणा के बाद सड़कों पर जश्न का माहौल देखा गया, जहां लोगों ने सालों बाद शांति की उम्मीद में आतिशबाजी की और एक-दूसरे को बधाई दी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस प्रगति का स्वागत किया गया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, ब्रिटेन, भारत और न्यूजीलैंड के नेताओं ने कूटनीतिक प्रयासों की सराहना की और समझौते के तत्काल कार्यान्वयन का आग्रह किया।
नेतन्याहू ने घोषणा की है कि वह इस समझौते को अपनी कैबिनेट में मंजूरी के लिए पेश करेंगे। इसके बाद, इजरायली सैनिकों की वापसी और हमास द्वारा बंधकों की रिहाई की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।
ट्रम्प की आगे की योजना में एक अंतरराष्ट्रीय ‘शांति बोर्ड’ का गठन शामिल है, जो गाजा के पुनर्निर्माण और भविष्य के प्रशासन का नेतृत्व करेगा। इस बोर्ड में वैश्विक नेता और पूर्व अधिकारी शामिल होंगे, जिसकी अध्यक्षता स्वयं ट्रम्प करेंगे।
हालांकि, यह शांति अभी भी नाजुक स्थिति में है। अतीत में इजराइल द्वारा कई सीजफायर का उल्लंघन किया गया है, और हमास की अपनी मांगें हैं। असली चुनौती आगे है, जहां दोनों पक्षों को समझौते का पालन करना होगा और सामान्य जीवन की बहाली सुनिश्चित करनी होगी। दुनिया अब इस नाजुक स्थिति पर नजर रखे हुए है।