ओडिशा में पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के आरोप सामने आने के बाद, बीजू जनता दल (BJD) की युवा और छात्र विंग ने तत्काल केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा जांच की मांग की है। बीजू युवा जनता दल के प्रदेशाध्यक्ष चिन्मय साहू ने इस ‘कैश फॉर जॉब’ मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह सीधे तौर पर राज्य के बेरोजगार युवाओं के साथ विश्वासघात है।
साहू ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक सीबीआई जांच नहीं होती, तब तक सच्चाई सामने नहीं आ सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार अपने चहेतों को बचाने के लिए इस मामले को अपराध शाखा को सौंपकर लीपापोती करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि भर्ती प्रक्रिया के लिए दो निजी एजेंसियों की सेवाएं क्यों ली गईं और इसके पीछे क्या मंशा थी। साहू ने घोषणा की कि इस अन्याय के खिलाफ युवा और छात्र सड़कों पर उतरेंगे और राज्यव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा।
बीजू छात्र जनता दल की अध्यक्ष इप्सिता साहू ने युवाओं की हताशा को व्यक्त करते हुए कहा कि हजारों मेधावी छात्र इस भर्ती परीक्षा के माध्यम से सरकारी नौकरी का सपना देख रहे थे, लेकिन इस घोटाले ने उनके सपनों को तोड़ दिया है। उन्होंने कहा, “हमारा ‘युवा-छात्र न्याय आंदोलन’ इसी दिशा में एक कदम है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और प्रभावित युवाओं को न्याय मिले।”
यह मामला तब सामने आया जब 5 और 6 अक्टूबर को आयोजित होने वाली संयुक्त पुलिस सेवा परीक्षा, 2024 को अचानक स्थगित कर दिया गया। बेरहमपुर में 117 लोगों की गिरफ्तारी ने पूरे मामले की परतें खोल दीं। गिरफ्तार आरोपियों में 114 छात्र थे, जिन्होंने कथित तौर पर परीक्षा में पास कराने के बदले रैकेट को 10-10 लाख रुपये दिए थे। पुलिस के अनुसार, ये सभी आंध्र प्रदेश के एक कोचिंग सेंटर में पकड़े गए थे। गिरफ्तार तीन अन्य लोग इस रैकेट के संचालक बताए जा रहे हैं। बाद में अपराध शाखा ने दो और बिचौलियों को भी हिरासत में लिया। कुल 1.53 लाख उम्मीदवारों ने 933 सब-इंस्पेक्टर पदों के लिए आवेदन किया था। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।