बिहार में चुनाव की घोषणा से पहले, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए गहन विचार-विमर्श किया। पार्टी की चुनाव समिति की दो दिवसीय बैठक पटना में आयोजित की गई, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। केंद्रीय मंत्री और बिहार चुनाव के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उनके सहयोगी सीआर पाटिल और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े भी उपस्थित थे।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि बैठक में मौजूदा 60 सीटों सहित सभी 243 विधानसभा सीटों पर चर्चा हुई। 2020 के चुनावों में, पार्टी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 75 पर जीत हासिल की थी। जायसवाल ने कहा कि जिन उम्मीदवारों का प्रदर्शन बेहतर रहा है और जिनका कोई मजबूत प्रतिद्वंद्वी नहीं है, उन्हें दोबारा मौका मिल सकता है, जबकि अन्य को नए चेहरों से बदला जा सकता है। उन्होंने बताया कि महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता देने पर भी चर्चा की गई।
विनोद तावड़े ने कहा कि बिहार एक बार फिर एनडीए सरकार चुनने के लिए तैयार है। बैठक में आगामी चुनावों के लिए संभावित उम्मीदवारों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विधानसभा चुनावों पर व्यापक चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने विकास, सुशासन और लोक कल्याण के नए मानक स्थापित किए हैं।
धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े ने गठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच मतभेदों को दूर करने का भी प्रयास किया। दोनों नेताओं ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी से मुलाकात की, जो अपनी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के लिए 15-20 सीटें मांग रहे हैं, जबकि उनके केवल चार विधायक हैं। मांझी ने कहा कि बातचीत सकारात्मक रही। मांझी की पार्टी का एक सांसद है और उनके बेटे विधान परिषद के सदस्य और राज्य मंत्री हैं।
एनडीए बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहा है। गठबंधन में बीजेपी, जेडीयू, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं। मांझी से मुलाकात के बाद प्रधान और तावड़े उपेंद्र कुशवाहा से मिले, जिन्होंने बैठक के बाद कोई टिप्पणी नहीं की।
इस बैठक के बाद, बिहार बीजेपी कोर ग्रुप दिल्ली में बैठक करेगा। इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा और अन्य सदस्यों की उपस्थिति में केंद्रीय चुनाव समिति उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम फैसला करेगी।