बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ गई हैं। चुनाव आयोग तैयारियों का जायजा लेने में जुटा है, जिसके लिए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार 4 और 5 अक्टूबर को बिहार का दौरा करेंगे। इस दौरे में वे चुनाव आयुक्तों सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी के साथ मिलकर चुनाव से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा करेंगे। इस दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी और अन्य राज्य के अधिकारियों के साथ बैठकें होंगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त के बिहार दौरे से पहले, दिल्ली में शुक्रवार को आयोग द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों की एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। इस बैठक में सभी चुनाव पर्यवेक्षक, पुलिस अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल होंगे। आमतौर पर, चुनाव आयोग राज्य का दौरा करने के बाद ही चुनाव की तारीखों की घोषणा करता है, इसलिए संभावना है कि बिहार चुनाव की घोषणा 5 अक्टूबर के बाद कभी भी हो सकती है।
चुनाव आयोग ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बिहार में 470 अधिकारियों को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में तैनात करने का निर्णय लिया है, जिनमें 320 आईएएस और 60 आईपीएस अधिकारी शामिल हैं। इन पर्यवेक्षकों को बिहार के अलावा, 8 अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा उपचुनावों के लिए भी तैनात किया जाएगा। पर्यवेक्षकों की बैठक दिल्ली के आईआईआईईडीएम में सुबह 10 बजे होगी।
चुनाव आयोग ने एसआईआर प्रक्रिया के बाद अंतिम मतदाता सूची भी जारी कर दी है। इस सूची में 14 लाख नए मतदाताओं के नाम जोड़े गए हैं। मतदाता सूची में अपना नाम देखने के लिए, कोई भी व्यक्ति आयोग की वेबसाइट पर दिए गए लिंक का उपयोग कर सकता है। मतदाता सूची से संबंधित जानकारी के लिए https://voters.eci.gov.in/ पर जाएं।
एसआईआर प्रक्रिया शुरू होने से पहले, 24 जून को बिहार में 7.89 करोड़ मतदाता थे। ड्राफ्ट लिस्ट जारी होने से पहले 65 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए, जिससे सूची में 7.24 करोड़ मतदाता रह गए। ड्राफ्ट लिस्ट से 4 लाख अयोग्य मतदाताओं को हटाया गया, और फॉर्म 6 के माध्यम से 21 लाख योग्य मतदाताओं को शामिल किया गया। 30 सितंबर को जारी अंतिम सूची में कुल 7.41 करोड़ मतदाता शामिल थे।