इजराइली सेना ने गाजा के लिए जा रहे ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला को बीच समुद्र में रोक दिया, जिसमें स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी शामिल थीं। इजराइल ने थनबर्ग और अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और उन्हें एक इजराइली बंदरगाह पर ले जाया गया। यह घटना गाजा में गंभीर मानवीय संकट के बीच हुई है, जहां संयुक्त राष्ट्र ने भुखमरी की चेतावनी दी है।
ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला एक बड़ा मानवीय अभियान था जो स्पेन से शुरू हुआ था, जिसमें 44 देशों के कार्यकर्ता और कई सांसद शामिल थे। इस बेड़े का लक्ष्य गाजा पर इजराइल की नौसैनिक नाकाबंदी को तोड़ना और मानवीय सहायता पहुंचाना था। इस अभियान के दौरान, जहाजों को चुनौतियों का सामना करना पड़ा और उन पर हमले भी हुए। इजराइल का आरोप है कि फ्लोटिला का हमास से संबंध है, जबकि आयोजकों का कहना है कि यह केवल मानवीय सहायता के लिए था। इजराइल ने चेतावनी दी थी कि अगर सहायता गाजा तक पहुंचानी है तो उसे अश्केलोन बंदरगाह पर रोका जाए, लेकिन कार्यकर्ताओं ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।