इजराइल ने गाजा युद्ध के दौरान फिलिस्तीन के अलावा कई अन्य देशों पर भी हमले किए हैं, जिसमें लेबनान और सीरिया भी शामिल हैं। अब, संयुक्त राष्ट्र में नेतन्याहू के हालिया भाषण से संकेत मिलता है कि इजराइल का अगला निशाना इराक हो सकता है।
26 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में नेतन्याहू ने इराक का उल्लेख उन देशों में किया जहां प्रतिरोध समूहों को इजरायली कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। यह इशारा करता है कि इजराइल इराक पर सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा है।
मध्य पूर्व में पहले से ही अस्थिरता व्याप्त है, और इराक एक बार फिर तनाव के केंद्र में आ गया है। नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र में इराक में मौजूद प्रतिरोध समूहों को सीधे धमकी दी, जिससे इजराइल के इरादों पर सवाल उठ रहे हैं।
इराकी विदेश मंत्री ने इन धमकियों की निंदा की है और कहा है कि किसी भी इराकी नागरिक पर हमला पूरे देश पर हमला माना जाएगा।
नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक भाषण दिया जिसमें उन देशों की सूची शामिल थी जहां प्रतिरोध समूह मौजूद हैं। इस सूची में लेबनान, सीरिया, यमन और इराक शामिल थे।
इराक में कई सशस्त्र समूह मौजूद हैं, जिनमें से कई ईरान के नेतृत्व वाले ‘प्रतिरोध अक्ष’ का हिस्सा माने जाते हैं। इजराइल इन्हें अपने लिए खतरा मानता है और माना जा रहा है कि इन्हीं समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बनाई जा रही है।
इराकी नेताओं ने नेतन्याहू की धमकियों की निंदा की है और कहा है कि इराक पर कोई भी हमला इजराइल के लिए विनाशकारी होगा। उन्होंने कहा कि नेतन्याहू गाजा में जीत हासिल करने में विफल रहे हैं और अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं।