UPI उपयोग करने वाले लाखों लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने UPI से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। 1 अक्टूबर 2025 से UPI का P2P ‘कलेक्ट रिक्वेस्ट’ फीचर, जिसे ‘पुल ट्रांजेक्शन’ के नाम से भी जाना जाता है, बंद कर दिया जाएगा। अब आप PhonePe, Gpay, या Paytm जैसे ऐप्स पर किसी से पैसे माँगने के लिए ‘कलेक्ट रिक्वेस्ट’ नहीं भेज पाएंगे। इस कदम का उद्देश्य ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकना और यूज़र्स की सुरक्षा को बढ़ाना है।
नया UPI नियम क्या है?
NPCI ने सभी बैंकों और पेमेंट ऐप्स को 1 अक्टूबर 2025 से P2P कलेक्ट रिक्वेस्ट सिस्टम को बंद करने का निर्देश दिया है। इसका मतलब है कि अब कोई भी यूज़र UPI पर कलेक्ट रिक्वेस्ट भेज या प्राप्त नहीं कर पाएगा। अब केवल डायरेक्ट ट्रांसफर ही संभव होगा, जिससे पेमेंट प्रक्रिया अधिक सुरक्षित हो जाएगी।
यह फैसला क्यों लिया गया?
धोखेबाज कलेक्ट रिक्वेस्ट फीचर का दुरुपयोग कर रहे थे। कई बार यूज़र्स गलती से या धोखे में कलेक्ट रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लेते थे, जिसके कारण उनके खाते से पैसे कट जाते थे। NPCI ने इस कदम से यह सुनिश्चित किया है कि अब पैसे भेजने की प्रक्रिया केवल यूज़र की अनुमति से ही हो, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
अब यूज़र्स को क्या करना होगा?
जिन यूज़र्स को कलेक्ट रिक्वेस्ट भेजने की आदत थी, उन्हें अब सीधे Push Transaction यानी पैसे ट्रांसफर करने का विकल्प इस्तेमाल करना होगा। QR कोड, UPI ID और बैंक अकाउंट नंबर के ज़रिए पेमेंट पहले की तरह ही जारी रहेंगे। NPCI ने यह भी सलाह दी है कि यूज़र्स अपने UPI और बैंकिंग ऐप्स को अपडेट रखें और किसी अनजान व्यक्ति से आई रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें।
क्या बदलेगा और क्या नहीं?
इस बदलाव से केवल कलेक्ट रिक्वेस्ट फीचर ही प्रभावित होगा। सामान्य तरीके से पैसे भेजना और प्राप्त करना पहले की तरह ही जारी रहेगा। बैंकों और पेमेंट ऐप्स को अपने सिस्टम में बदलाव करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि यूज़र्स नए नियमों के अनुसार आसानी से ट्रांजेक्शन कर सकें। यह कदम पूरी तरह से यूज़र की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है।