छत्तीसगढ़ का बालोद जिला ‘बाल विवाह मुक्त’ घोषित होने वाला देश का पहला जिला बन गया है। यह उपलब्धि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत हासिल की गई है, जिसकी शुरुआत 27 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। बालोद जिले ने पिछले दो सालों में बाल विवाह का एक भी मामला दर्ज नहीं होने दिया, जिसके बाद उसे यह गौरव प्राप्त हुआ है। जिले की सभी 436 ग्राम पंचायतों और 9 नगरीय निकायों को बाल विवाह मुक्त होने का प्रमाण पत्र दिया गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बालोद प्रशासन को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा कि सरकार पूरे राज्य को 2028-29 तक बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। जिला कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने बताया कि यह सफलता प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्थानीय समुदाय के संयुक्त प्रयासों का नतीजा है। अन्य जिलों में भी बाल विवाह मुक्त अभियान को तेज किया जा रहा है, और जिन क्षेत्रों में पिछले दो वर्षों में बाल विवाह का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है, वहां भी जल्द ही प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।
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