बिहार में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं, और चुनावों के करीब आते ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज़ हो गया है। प्रशांत किशोर, जो पिछले दो वर्षों से बिहार में जन सुराज अभियान चला रहे हैं, ने पिछले साल 2 अक्टूबर को अपनी पार्टी का भी ऐलान किया था।
बिहार को भ्रष्टाचार मुक्त और रोजगार युक्त बनाने का वादा करने वाले प्रशांत किशोर पर कई आरोप लग रहे हैं, जिसमें उन्हें बीजेपी का एजेंट बताना भी शामिल है। उनकी विशाल टीम और प्रचार को देखते हुए, लोगों ने उनकी फंडिंग के स्रोतों के बारे में सवाल करना शुरू कर दिया था।
अब प्रशांत किशोर ने इन सवालों का जवाब दिया है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “आज मैं यह स्पष्ट करूंगा कि PK को फंड कहां से मिलता है और यह कैसे खर्च होता है। कुछ राजनेता मुझ पर आरोप लगा रहे हैं, इसलिए मैं अपना स्रोत जनता के सामने रख रहा हूं।”
प्रशांत किशोर ने बताया कि उन्हें सरस्वती से पैसा मिला है, और उन्होंने कई लोगों की मदद की, जिससे फंड आया। पिछले तीन वर्षों में, उन्होंने राजनीतिक सलाहकारों के रूप में काम किया जिससे उन्हें धन प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि 2022 से उन्होंने फीस लेना शुरू किया और 241 करोड़ रुपये फीस के रूप में कमाए। इस राशि पर उन्होंने 30 करोड़ 95 लाख रुपये GST और 20 करोड़ रुपये इनकम टैक्स के रूप में जमा किए। उन्होंने 98 करोड़ रुपये पार्टी को दान भी दिया।
प्रशांत किशोर जन सुराज पार्टी को बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं। वह पूरे बिहार में घूम रहे हैं और अपनी सभाओं में विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों पर ही निशाना साधते हैं। विपक्ष का मानना है कि वे बीजेपी की बी टीम की तरह काम कर रहे हैं, जबकि प्रशांत किशोर का कहना है कि जन सुराज बिहार के लोगों को एक नया विकल्प दे रही है।