पटना में सार्वजनिक परिवहन में एक बड़ा बदलाव आने वाला है! जल्द ही, गंगा नदी पर वाटर मेट्रो सेवा शुरू होगी, जो शहर में यातायात की भीड़भाड़ को कम करेगी और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का विकल्प प्रदान करेगी। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा घोषित यह महत्वाकांक्षी परियोजना इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड फेरी का उपयोग करेगी। पहला इलेक्ट्रिक जहाज, एमवी गोमधरकुंवर, कोलकाता से पटना पहुंच चुका है, और दशहरा 2025 तक इसके शुरू होने की उम्मीद है। यह सेवा कोच्चि जल मेट्रो की सफलता से प्रेरित है, जिसने लाखों यात्रियों को परिवहन किया है। मुंबई और गोवा के जल परिवहन मॉडल को ध्यान में रखते हुए, पटना में यह सेवा शुरू की जा रही है। 908 करोड़ रुपये की लागत से, पटना जल मेट्रो परियोजना शहर में बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित करेगी। पहले चरण में दीघा घाट से कंगन घाट तक सेवा शुरू होगी, जिसमें कई प्रमुख घाट शामिल होंगे। वाटर मेट्रो जहाजों को यात्रियों की सुविधा के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें पर्याप्त बैठने की जगह है। यह सेवा पर्यटकों के लिए भी आकर्षक होगी और गंगा तट पर पर्यटन को बढ़ावा देगी। वाटर मेट्रो परियोजना मौसमी चुनौतियों का सामना करेगी, लेकिन इलेक्ट्रिक नौकाओं का उपयोग प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा। यह न केवल दैनिक यात्रियों के लिए सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि गंगा नदी के किनारे पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
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