दिल्ली सरकार ने पानी के बिलों पर बकाया राशि को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है, जिससे दिल्ली के निवासियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि कई उपभोक्ताओं को पानी के बढ़े हुए बिल मिल रहे थे, जिसमें लेट पेमेंट सरचार्ज (LPSC) भी शामिल था। अब सरकार ने इस अतिरिक्त शुल्क को माफ करने का फैसला किया है।
प्रवेश वर्मा के अनुसार, दिल्ली में पानी के बिलों पर पहले 5% ब्याज लगाया जाता था और साथ ही लेट फीस भी लगती थी। अब सरकार ने इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए लेट पेमेंट सरचार्ज को 5% से घटाकर 2% कर दिया है।
इस निर्णय से दिल्ली के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि वर्तमान में लगभग 87,589 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसमें लगभग 80,463 करोड़ रुपये का लेट सरचार्ज शामिल है। जल मंत्री प्रवेश सिंह ने स्पष्ट किया कि यह वर्तमान सरकार के कार्यकाल में LPSC माफी की पहली और अंतिम योजना है।
दिल्लीवासियों के लिए बिल में कमी – जल मंत्री
जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि कई वर्षों से दिल्लीवासियों को लाखों रुपये के बिल मिल रहे थे, जिसका मुख्य कारण पानी की खपत नहीं बल्कि 5% मासिक चक्रवृद्धि ब्याज था। उन्होंने कहा कि हमने इसे खत्म करने का फैसला लिया है, और ब्याज दर को 2% तक कम कर दिया गया है। साथ ही, 100% तक का सरचार्ज माफ किया जा रहा है।
मंत्री ने बताया कि पहले दिल्ली जल बोर्ड में 5% चक्रवृद्धि ब्याज की व्यवस्था थी, जिसके कारण 100 रुपये का बिल 178 रुपये तक बढ़ जाता था। अब, सरकार ने ब्याज दर को 5% से घटाकर 2% कर दिया है। नई व्यवस्था में, चक्रवृद्धि ब्याज के साथ ₹100 का बिल केवल ₹130 तक ही पहुंचेगा।
योजना का लाभ कैसे उठाएं?
दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि इस योजना का लाभ लोगों तक पहुंचाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड (DJB) कॉलोनियों में कैंप लगाए जाएंगे। इन कैंपों में, जनता को उनके बकाया बिलों, माफ की जाने वाली राशि और पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाएगी। यह योजना 31 मार्च 2026 तक ही लागू रहेगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस तिथि के बाद योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
डीजेबी ने अवैध पानी कनेक्शनों को वैध करने का भी निर्णय लिया है।
- घरेलू श्रेणी: शुल्क लगभग ₹26,000 से घटाकर ₹1,000
- गैर-घरेलू श्रेणी: शुल्क लगभग ₹61,000 से घटाकर ₹5,000
- योजना 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी
सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस फैसले से दिल्लीवासियों को राहत मिलेगी। इसके अतिरिक्त, यह वर्षों से लंबित पड़े करोड़ों रुपये के बिलों की वसूली में भी मदद करेगा।