ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हाल ही में हुए रक्षा समझौते पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस समझौते को मुस्लिम देशों के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए इसका स्वागत किया।
समझौते के अनुसार, यदि पाकिस्तान या सऊदी अरब पर हमला होता है, तो दोनों देश मिलकर इसका जवाब देंगे। यह समझौता रियाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा हस्ताक्षरित किया गया था।
पेजेश्कियन ने कहा कि ईरान, सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच का यह रक्षा समझौता पश्चिम एशिया के मुस्लिम देशों के बीच सुरक्षा और सहयोग को बढ़ावा देगा। उन्होंने इसे एक व्यापक क्षेत्रीय सुरक्षा प्रणाली की शुरुआत के रूप में वर्णित किया।
ईरान और सऊदी अरब के बीच संबंध पहले तनावपूर्ण थे, लेकिन 2023 में चीन की मध्यस्थता के बाद सुधार हुआ है। राष्ट्रपति पेजेश्कियन ने परमाणु हथियारों के निर्माण के प्रति ईरान की अनिच्छा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार नहीं बनाना चाहता।
पेजेश्कियन ने यह भी कहा कि यूरोपीय देशों का ईरान के प्रति रवैया नकारात्मक है, और 2015 के परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने के कारण ईरान को अपनी परमाणु नीति पर फिर से विचार करना पड़ा।