इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) भारत में लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं, लेकिन ईवी बीमा की उच्च लागत एक महत्वपूर्ण बाधा है। कई लोग आश्चर्य करते हैं कि ईवी का बीमा पेट्रोल या डीजल कारों से अधिक महंगा क्यों है। यहां छह मुख्य कारण दिए गए हैं:
* **बैटरी की लागत:** ईवी की बैटरी, जो वाहन का सबसे महंगा हिस्सा है, को बदलने में लाखों रुपये खर्च हो सकते हैं। बीमा कंपनियां इस उच्च जोखिम को ध्यान में रखती हैं और प्रीमियम बढ़ा देती हैं।
* **स्पेयर पार्ट्स की कमी:** ईवी के स्पेयर पार्ट्स अभी भी आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, जिससे मरम्मत की लागत बढ़ जाती है।
* **उच्च तकनीक सुविधाएँ:** ईवी में उन्नत सुविधाएँ होती हैं, जिनकी मरम्मत महंगी होती है।
* **बैटरी आग का जोखिम:** बैटरी में आग लगने का खतरा बीमा कंपनियों के लिए एक जोखिम है।
* **पुनर्विक्रय मूल्य अनिश्चितता:** ईवी के पुनर्विक्रय मूल्य के बारे में अनिश्चितता भी प्रीमियम को प्रभावित करती है।
* **शुरुआती उच्च लागत:** ईवी की शुरुआती कीमत पेट्रोल-डीजल कारों से अधिक होती है, जिससे बीमा प्रीमियम भी बढ़ जाता है।
हालांकि, ईवी बाजार के बढ़ने के साथ, बीमा प्रीमियम में कमी आने की संभावना है। सरकार भी ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है।