रांची में आयोजित कैबिनेट बैठक में पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य घोषित करने पर चर्चा की गई। इस मामले पर निर्णय लेने के लिए कैबिनेट ने एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन किया है, जो सरकार को अपनी सिफारिशें देगा। राज्य सरकार इस समूह की अनुशंसा के आधार पर ही अंतिम निर्णय लेगी। यह समूह क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक पहलुओं का अध्ययन करेगा और अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा। सभी संबंधित विभाग भी इस पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे, जिसके बाद इसे कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।
सारंडा वन्यजीव अभयारण्य के लिए 575.19 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को संरक्षित करने की योजना है, जिसमें पश्चिमी सिंहभूम जिले के अंकुआ, समता, करमपदा, गूदलीबाग, त्रिकोशी और थलकुवाद गांव शामिल हैं। कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने बताया कि कैबिनेट बैठक में कुल 27 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
सारंडा वन क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक धरोहर माना जाता है। यहां कई दुर्लभ प्रजातियों के वन्यजीव पाए जाते हैं, जिनमें उड़ने वाली छिपकली भी शामिल है। यह क्षेत्र स्तनधारियों की 40 से अधिक प्रजातियों, पक्षियों की 162 प्रजातियों, उभयचरों की नौ प्रजातियों और सरीसृपों की 33 प्रजातियों का घर है। यहां के जंगली हाथी भी प्रसिद्ध हैं।
कैबिनेट ने लातेहार जिले में स्थित मंडल डैम और पलामू व्याघ्र परियोजना से प्रभावित सात गांवों के 780 परिवारों के पुनर्वास को मंजूरी दी है। इन परिवारों को 15 लाख रुपये और एक एकड़ जमीन दी जाएगी।
कैबिनेट ने राज्य के सहायक पुलिसकर्मियों को एक साल का सेवा विस्तार देने का भी निर्णय लिया। यह विस्तार, पहले से तय शर्तों के अनुसार होगा। राजधानी रांची में राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के भवन निर्माण के लिए 97 करोड़ 65 लाख 82 हजार 500 रुपये की स्वीकृति दी गई।