तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठाया। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम का जिक्र करते हुए कहा कि तुर्की इस सीजफायर से ‘संतुष्ट’ है। एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए कश्मीर मुद्दे के समाधान की भी अपील की।
एर्दोगन ने कहा कि अप्रैल में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बाद हुए युद्धविराम से तुर्की संतुष्ट है, जो दोनों देशों के बीच एक संघर्ष में बदल गया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।
तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के आधार पर और बातचीत के जरिए हल होना चाहिए, ताकि कश्मीर में लोगों के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।
यह पहला मौका नहीं था जब एर्दोगन ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाया। इससे पहले भी उन्होंने कई बार इसका जिक्र किया है। इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान दौरे के दौरान भी उन्होंने कश्मीर का मुद्दा उठाया था।
भारत ने तुर्की के राष्ट्रपति की टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि कश्मीर उसका आंतरिक मामला है। विदेश मंत्रालय ने तुर्की नेता की टिप्पणियों को खारिज कर दिया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और किसी अन्य देश को इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।
अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। 7 मई को लॉन्च किए गए इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इसके बाद दोनों देशों के बीच 10 मई को सीजफायर हुआ।