बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं, और राजनीतिक दल अपनी रणनीति बना रहे हैं। खबर है कि एनडीए गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर चर्चा नवरात्रि के दौरान शुरू होगी। छोटे घटक दल अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं, जिससे समझौते में देरी हो रही है। इन दलों का मानना है कि चुनाव नजदीक आने से उन्हें कम सीटें मिल सकती हैं।
सीटों का बंटवारा चुनाव आयोग की घोषणा के बाद ही किया जाएगा। जदयू नेता केसी त्यागी के अनुसार, एनडीए में इस पर लगातार चर्चा हो रही है और जल्द ही घोषणा की जाएगी।
एनडीए के घटक दल, जैसे चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा, अधिक सीटें चाहते हैं। वे सार्वजनिक रूप से बयान दे रहे हैं, जिससे छोटे दलों में भी अधिक सीटें पाने की होड़ मची है। उन्हें लगता है कि देरी से बड़े दल उन पर कम सीटों को स्वीकार करने का दबाव डालेंगे।
नवरात्रि के दौरान चर्चा का उद्देश्य छोटे दलों की चिंताओं को कम करना है। हालांकि, भाजपा और जदयू को लगता है कि जल्द बंटवारा होने से विवाद हो सकता है और उम्मीदवार पाला बदल सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, सितंबर के अंत या अक्टूबर की शुरुआत में सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया जा सकता है। जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि छोटे दल अपने कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए ऐसी मांगें करते हैं। उनका मानना है कि सभी दलों को अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए ऐसा करना पड़ता है।
सीट बंटवारे का फार्मूला लगभग तैयार है और पिछले चुनाव के आधार पर होगा, जिसमें चिराग पासवान को समायोजित किया जाएगा।
भाजपा और जदयू 100-100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमत हैं। एनडीए में इस बार पांच दल हैं, और शेष सीटों को अन्य दलों में बांटा जाएगा।