AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीज़ा पर 1 लाख डॉलर की सालाना फीस लगाने के फैसले पर केंद्र सरकार की आलोचना की है। ओवैसी ने इस कदम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि इससे भारत और खासकर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
ओवैसी ने कहा कि H-1B वीज़ा का एक बड़ा हिस्सा भारतीयों को दिया जाता है और कई भारतीय इसका लाभ उठाते हैं। उन्होंने सवाल किया कि ‘नमस्ते ट्रंप’ और ‘हाउडी मोदी’ जैसे कार्यक्रमों से क्या हासिल हुआ? ओवैसी ने कहा कि उनकी शिकायत ट्रंप से नहीं, बल्कि सरकार से है। उन्होंने कहा कि सरकार को आत्मचिंतन करना चाहिए कि भारत विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा में इतनी कठिनाइयों का सामना क्यों कर रहा है।
ओवैसी ने कहा कि भारत को रुपये में व्यापार करने पर जोर देना चाहिए और ट्रंप के दबाव के आगे झुकना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे नुकसान प्रधानमंत्री मोदी को नहीं, बल्कि आम भारतीयों को होगा। ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका द्वारा भारत के साथ संबंधों को खतरे में डालना इस बात का सबूत है कि उन्हें भारत के सामरिक महत्व की कोई परवाह नहीं है।