बांग्लादेश स्थित अमेरिकी दूतावास ने अपने कर्मियों की सुरक्षा के लिए सैनिकों की तैनाती की बात कही है, जिसका बांग्लादेश पुलिस ने विरोध किया। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में बगराम एयरबेस को पुनः प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की है, जिसका उद्देश्य चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर निगरानी रखना है।
चीन की बढ़ती सैन्य ताकत का मुकाबला करने के लिए अमेरिका एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है, जिसमें संयुक्त सैन्य अभ्यास एक महत्वपूर्ण रणनीति है। चीन की उन्नत मिसाइल क्षमताओं के कारण गुआम और उत्तरी मारियाना द्वीपों सहित क्षेत्र में अमेरिकी ठिकाने खतरे में हैं। अमेरिका ने मध्य पूर्व से ध्यान हटाकर एशिया-प्रशांत क्षेत्र पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है।
अमेरिका और चीन के बीच सैन्य प्रतिस्पर्धा के कारण अन्य एशियाई देशों की सुरक्षा नीतियां भी प्रभावित हो रही हैं। 2025 के पहले छह महीनों में दक्षिण पूर्व एशिया में कई अमेरिकी सैन्य अभ्यास आयोजित किए गए।
चिटगांव में, 100 से अधिक अमेरिकी सैनिकों ने बांग्लादेशी वायु सेना के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास किया। अमेरिकी C-130 हरक्यूलिस विमान संयुक्त अभ्यास के लिए चटगांव पहुंचा, जो भारत के पूर्वोत्तर और म्यांमार की सीमा के करीब है। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आरोप लगाया था कि सेंट मार्टिन द्वीप को देने से इनकार करने के बाद अमेरिका ने उन्हें हटाने की योजना बनाई थी।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका तालिबान से बगराम एयरबेस का नियंत्रण वापस लेने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि वे तालिबान के साथ बातचीत कर रहे हैं, लेकिन तालिबान ने बेस को वापस सौंपने से इनकार कर दिया। इस एयरबेस से MQ-9 रीपर ड्रोन और अन्य टोही और हमलावर विमान उड़ाए जाते थे। यह बेस चीन, ईरान, पाकिस्तान और मध्य एशिया के करीब स्थित है और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
जापान के ओकिनावा प्रांत में एक अमेरिकी एयरबेस है, जहां लगभग 50,000 सैनिक तैनात हैं। यहां योकोसुका नेवल बेस और कडेना एयरबेस भी हैं, जो चीन और उत्तर कोरिया के खिलाफ रणनीतिक संतुलन का केंद्र हैं। दक्षिण कोरिया में लगभग 28,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं।
फिलीपींस में, अमेरिका ने 2023 के बाद अपनी उपस्थिति बढ़ाई है। EDCA (उन्नत रक्षा सहयोग समझौता) के तहत, अमेरिका फिलीपींस के 9 सैन्य ठिकानों तक पहुंच रखता है, जिनमें लुज़ोन, पलावान और कागायन शामिल हैं। दोनों देशों के बीच हर साल संयुक्त सैन्य अभ्यास होता है।
थाईलैंड में, अमेरिका का कोई स्थायी सैन्य बेस नहीं है, लेकिन कोबरा गोल्ड नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किया जाता है। अमेरिका के लड़ाकू विमान और लॉजिस्टिक कभी-कभी थाईलैंड से संचालित होते हैं।
सिंगापुर में अमेरिका का कोई स्थायी सैन्य अड्डा नहीं है, लेकिन अमेरिका के पी-8 पोसाइडन सर्विलांस विमान और तटीय लड़ाकू जहाज (LCS) सिंगापुर पोर्ट से संचालित होते हैं। चांगी नेवल बेस अमेरिका को लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करता है।