पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में, राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए हैं। 16 सितंबर को स्वास्थ्य शिविरों में 51,000 लोगों को लाभ मिला, जबकि अगले ही दिन यह संख्या 1.5 लाख तक पहुंच गई, जो कि 194% की वृद्धि है। यह दर्शाता है कि सरकार ने स्थिति की गंभीरता को समझा और तत्काल कार्रवाई की।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि किसी भी प्रभावित व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न किया जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ से स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ जाते हैं, इसलिए सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी नागरिक बिना इलाज के न रहे। सरकार के प्रयासों से हजारों लोगों को समय पर राहत और उपचार मिला, जिससे बीमारियों का खतरा कम हुआ है।
14 सितंबर को शुरू किए गए विशेष स्वास्थ्य अभियान का उद्देश्य बाढ़ के बाद फैलने वाली बीमारियों को रोकना, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना और बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा करना था। मुख्यमंत्री ने योजनाओं को गांवों में तेजी से लागू करने पर जोर दिया, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोगों ने स्वास्थ्य शिविरों का लाभ उठाया।
2,303 गांवों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए, जहां जांच, उपचार और बाढ़ के बाद फैलने वाली बीमारियों, जैसे बुखार, दस्त और त्वचा संक्रमण से बचाव पर ध्यान दिया गया। डॉक्टरों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीमें दवाएं और स्वास्थ्य जागरूकता प्रदान कर रही हैं, जिससे ग्रामीण समुदायों में विश्वास पैदा हुआ है।
सरकार ने जानवरों के स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया है, 14,780 जानवरों का इलाज किया गया और 48,535 को मुफ्त में टीका लगाया गया। मृत जानवरों के सुरक्षित निपटान पर भी ध्यान दिया जा रहा है। सरकार ने समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए, मनुष्यों और जानवरों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घर-घर जाकर जांच की जा रही है और मच्छरों के लार्वा पाए जाने पर तुरंत छिड़काव किया जा रहा है। पंजाब सरकार की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए आशा की किरण बनी है।