रूस और अमेरिका, दोनों ही भारत को एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार मानते हैं, लेकिन बदलते वैश्विक परिदृश्य और अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद के बीच, यह सवाल उठता है कि पीएम मोदी दोनों महाशक्तियों के लिए इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं? प्रधानमंत्री मोदी के 75वें जन्मदिन पर दोनों नेताओं, डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन ने बधाई दी। ट्रंप ने मोदी को ‘नरेंद्र’ कहकर संबोधित किया और उन्हें अपना दोस्त बताया, जबकि पुतिन ने मोदी के योगदान की सराहना की।
ट्रंप ने पीएम मोदी को मित्र बताया। अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बावजूद, ट्रंप ने मोदी को जन्मदिन की बधाई दी। सोशल मीडिया पोस्ट में, ट्रंप ने मोदी को ‘नरेंद्र’ कहकर संबोधित किया और उन्हें अपना दोस्त बताया। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने मोदी से फोन पर बात की और जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं, साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
पुतिन ने मोदी के योगदान की सराहना की। राष्ट्रपति ट्रंप के रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के दावों के बीच, पुतिन ने मोदी को जन्मदिन की बधाई दी और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके व्यक्तिगत प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मोदी ने ‘शासन प्रमुख के रूप में अपने काम से देशवासियों के बीच एक अलग सम्मान अर्जित किया है और वैश्विक मंच पर इसका खासा प्रभाव दिखता है’। पुतिन ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत ने सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।
रूस भारत को तेल और हथियार बेच रहा है। अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया है, लेकिन रूस के साथ भारत के मजबूत संबंध हैं। रूस, भारत का रक्षा सौदों और ऊर्जा आपूर्ति में एक महत्वपूर्ण साझेदार है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, 2019-2023 के बीच भारत ने रूस से 36% हथियारों का आयात किया। भारत अपनी तेल जरूरतों का लगभग 88% आयात करता है, और 2024-25 में रूस से लगभग 35% तेल आयात किया। यूक्रेन युद्ध के बाद, रूस भारत को सबसे अधिक तेल बेच रहा है।
भारत, अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2024-25 में, दोनों देशों के बीच 131.84 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ। भारत अमेरिका से उच्च-तकनीक के हथियार भी खरीदता है और दोनों देशों के बीच हर साल लगभग 41 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है। अगस्त में, वस्तुओं और सेवाओं सहित कुल निर्यात 69.16 बिलियन डॉलर था, जबकि आयात लगभग 79.04 बिलियन डॉलर था। चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त 2025) में, आयात में पेट्रोलियम उत्पाद, कोयला, इलेक्ट्रॉनिक सामान, रसायन, वनस्पति तेल और उर्वरक प्रमुख थे।
दोनों देशों के लिए भारत के साथ संतुलन आवश्यक है। भारत अंतरराष्ट्रीय राजनीति में किसी एक गुट का हिस्सा नहीं रहा है, और उसने हमेशा स्वतंत्र रुख अपनाया है। दोनों महाशक्तियां भारत के साथ संतुलन बनाए रखना चाहती हैं। भारत के लिए अमेरिका और रूस महत्वपूर्ण हैं, और अमेरिका और रूस के लिए भी भारत के बिना आगे बढ़ना मुश्किल है, क्योंकि चीन दोनों देशों के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।