सरगुजा जिले, छत्तीसगढ़ से एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जाने के लिए उसके परिजनों को एक अमानवीय स्थिति का सामना करना पड़ा। सड़कों और एम्बुलेंस की कमी के कारण, परिजनों ने मरीज को कंधे पर उठाकर अस्पताल तक पहुंचाया। यह घटना, प्रतापपुर क्षेत्र के गोरगी गांव में हुई, सरकारी दावों और जमीनी हकीकत के बीच के अंतर को उजागर करती है।
गोरगी गांव के कोडाकु जनजाति के एक व्यक्ति की बीमारी के बाद, उसे अस्पताल ले जाने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं था। इस वजह से परिजनों ने मरीज को कई किलोमीटर तक अपने कंधों पर ढोया। यह घटना स्वास्थ्य सेवा की कमी और दुर्गम क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी को दर्शाती है।
इस घटना ने उन लोगों की पीड़ा को उजागर किया है जो अभी भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। यह सवाल खड़ा करता है कि कब तक लोगों को इन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और कब तक उन्हें अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।